भारत ने आज ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया। यह परीक्षण राजस्थान के पोखरण परीक्षण रेंज में हुआ है। स्वदेशी सीकर के साथ हुए इस परीक्षण से बाद से भारत और ज्‍यादा शक्‍त‍िशाली हो गया है। इसका न‍िशाना अचूक है। वहीं इस खास उपलब्‍ध‍ि पर देश की रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट भी क‍िया है। इस दौरान उन्‍होंने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल द्वारा लक्ष्‍य भेदने की तारीफ की है।

सफल परीक्षण के बाद से भारत की ताकत और ज्यादा बढ गई
दिल्ली (पीटीआई)। आज भारत के राजस्थान में पोखरण परीक्षण रेंज में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण सुबह 8:42 पर पूरा हुआ। इस खास मौके पर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट करते हुए इस मिसाइल के निशाने की तारीफ की है। उन्होंने ट्वीट किया कि ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ने अपने निर्धारित टार्गेट पर पिन पॉइंट निशाना लगाया है। इसके अलावा रक्षा मंत्री ने मिसाइल के सफल परीक्षण पर आज डीआरडीओ को बधाई दी है। ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के सफल परीक्षण के बाद से भारत की ताकत और ज्यादा बढ गई है। ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल देश की ताकतवर मिसाइलों की सूची में शामिल है।
ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की दूरी बढाई जा सकती
बतादें कि स्वदेशी सीकर के साथ यह कोई पहला परीक्षण नहीं है। अभी इससे तीन महीने पहले भारतीय वायु सेना के अग्रणी सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान से पहली बार ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण हुआ था। ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की दूरी को करीब 400 किलोमीटर तक आसानी से बढ़ाया जा सकता है। भारत पिछले साल मिसाइल टेक्नॉलजी कंट्रोल रिजीम यानी कि एमटीसीआर का पूर्ण सदस्य बन गया था। ऐसे में एमटीसीआर का पूर्ण सदस्य बनने के बाद मिसाइल की दूरी बढ़ाने के लिए कुछ तकनीकी सीमाएं हटा दी गई हैं। इससे अब ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की दूरी आसानी से बढाई जा सकती है।
सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल भारत-रूस द्वारा तैयार की गई
ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल भारत-रूस द्वारा संयुक्त रूप से बनाई गई है। इसे भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन यानी कि डीआरडीओ और रूस के एनपीओ मशिनोस्त्रोयेनिया ने संयुक्त रूप से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का निर्माण किया है। ब्रह्मोस मिसाइल भारत के सुखोई-30 लड़ाकू विमान पर तैनात अब तक का सबसे भारी हथियार है। वहीं अब आगे ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइलों को 40 सुखोई लड़ाकू विमानों में भी जोड़ने का काम काफी तेजी से हो रहा है। सुरक्षा के परिदृश्य में उठाए जा रहे इन कदमों को लेकर माना जा रहा है कि इससे भारतीय वायुसेना की जरुरतें आसानी से पूरी हो जाएंगी।

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Posted By: Shweta Mishra