- बिहार अब भी रिन्यूएबल एनर्जी के उपयोग में पड़ोसी राज्यों से है पीछे

- 2011 की जनगणना के मुताबिक बिहार में 83 परसेंट को बिजली उपलब्ध नहीं हुई

- बीते पांच साल में रिन्यूएबल एनर्जी के खर्च में हुआ भारी कमी

PATNA : बिहार न केवल कंवेशनल एनर्जी सोर्स में पीछे है बल्कि न्यू टेक्नोलॉजी जिसमें रिन्यूएबल एनर्जी का बेहतर इस्तेमाल हो, उसमें भी बहुत पिछड़ा है। जबकि इसकी भारी मांग और निर्भरता लगातार महसूस की गई है। इसी बात को फोकस में रखकर सीड़ की ओर से एक नेशनल कांफ्रेंस का आयोजन होटल मौर्या में आर्गनाइज किया गया। इसमें बिहार इलेक्ट्रिसिटी रेग्यूलेटरी कमीशन के चेयरमैन यूएन पंजियार इससे जुड़े फ्रेमवर्क के बारे में बताया। उन्होने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं कि अल्टरनेटिव एनर्जी सोर्स का यूज किया जाना चाहिए। कंवेशनल तरीके से बिजली उत्पादन में खर्च लगातार बढ़ रहा है, लेकिन क्वालिटी बिजली नहीं मिल रही है। साथ ही चोरी की भी समस्या है।

एनर्जी फ्रेमवर्क होगा सबके हित का

यूएन पंजियार ने रिन्यूएबल एनर्जी के फ्रेमवर्क के बारे में चर्चा करते हुए बताया कि विलेज एरिया में भी इसका माइक्रो लेबल पर बेहतर इस्तेमाल हो सकता है। इसके लिए कमिशन टैरिफ तय करेगी। कहा कि इसमें पॉलिसी ऐसी होगी जो कि सभी के हित की हो। वहीं नार्थ बिहार पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के एमडी डी बाला मुरगन ने बताया कि फिलहाल बिहार के रूरल एरिया में ब्0 परसेंट इलेक्ट्रिसिटी एक्सेस है। वर्ष ख्0क्म् तक दो हजार गांवों में इलेक्ट्रिसिटी पहुंचाने का लक्ष्य है। इसमें सोलर एनर्जी को भी शामिल किया जाएगा। कंपनी गांवों में सोलर इरीगेशन पंप लगाने के लिए प्रयास कर रही है।

पॉवर डिसेंट्रलाइजेशन से बनेगी बात

सीड संस्था के सीईओ रमापति कुमार ने बताया कि पॉवर में डिसेंट्रलाइजेशन से बिहार बदलेगा। इससे बिहार पॉवर डिफीसिट से पॉवर सरप्लस में आ सकता है। उन्होंने कहा कि यह भ्रांति है कि सोलर टेक्नोलॉजी काम नहीं करता। इसके लिए अवेयरनेस की जरूरत है। उन्होने कहा कि अभी इस संबंध में ख्0क्क् की पॉलिसी है स्टेट में। बीते चार साल में एनर्जी लैंडस्केप में बड़ा बदलाव आया है। पॉलिसी में चेंज होना चाहिए। अब इससे बिजली की दर क्0-क्ख् रुपए से घटकर पांच रुपए हो गया है। यह बिहार के लिए एक बेहतरीन मौका है। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ इसके उदाहरण हैं।

पॉलिसी में बदलाव के लिए सरकार पूरी तरह से तैयार है। मिनी व माइक्रो ग्रिड नेटवर्क के जरिए सभी को बिजली उपलब्ध कराने का लक्ष्य पूरा किया जाएगा।

- विजेंद्र प्रसाद यादव, फाइनेंस मिनिस्टर, बिहार

Posted By: Inextlive