-एमडीडीए में प्रोजेक्ट्स को देख रहे एई सहित 4 इंजीनियर मूल विभाग को वापस

-आज रीवर फ्रंट पर चीफ सेक्रेटरी लेंगे बैठक, लिया जा सकता है फैसला

- 10 वर्षो से चल रही रिस्पना व बिंदाल नदी पर आरएफडी की कवायद

- 3.7 किमी तय किया गया प्रोजेक्ट्स का स्वरूप, प्रोग्रेस नहीं

- 43 हेक्टेअर लैंड एमडीडीए को की जानी थी ट्रांसफर, फाइल अटकी है शासन में

DEHRADUN: पिछले क्0 वर्षो से रिस्पना व बिंदाल नदी की सूरत बदलने के लिए रीवर फ्रंट योजना पर फिर से ब्रेक लगता दिखाई दे रहा है। सिंचाई विभाग से डेपुटेशन पर आए चार इंजीनियर्स को वेडनसडे को अपने मूल विभाग के लिए रिलीव कर दिया गया। जिसमें आरएफडी देख रहे एसई संजीव जैन भी शामिल हैं। इधर, फ्राइडे को आरएफडी प्रोजेक्ट पर चीफ सेक्रेटरी ने बैठक बुलाई है। जिसमें प्रोजेक्ट्स को लेकर फैसला होने की संभावना है।

पहले से ही इंजीनियर्स की कमी से जूझ रहा एमडीडीए

एमडीडीए लंबे समय से ही इंजीनियर्स की कमी से जूझ रहा है। ऊपर से अब साडा के मर्ज के बाद समस्या और बढ़ गई है। बताया गया है कि जहां साडा में सृजित इंजीनियर्स के पदों के सापेक्ष पहले से ही कमी चल रही है और महज दो-तीन एई व जेई से काम चल रहा था। वहीं एमडीडीए में क्990 के दौरान करीब फ्0 जेई, एई, ईई व एसई की तैनाती हुआ करती थी, वर्तमान में एमडीडीए में भी यह संख्या करीब एक दर्जन बताई जा रही है। प्रतिनियुक्ति पर आए जेई, एई, ईई व एसई के मूल विभाग में वापसी के बाद फिर से एमडीडीए में संकट गहरा गया है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही खाली पदों पर शासन की ओर से इंजीनियर्स की तैनाती हो जाने की संभावना है। लेकिन बताया जा रहा है कि जब तक नए इंजीनियर्स की तैनाती नहीं हो जाती, तब तक एमडीडीए के कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स पर ब्रेक लगने की संभावना है। उसमें रिवर फ्रंट योजना सबसे प्रमुख है। फिलहाल आरएफडी जैसे प्रोजेक्टस की लागत जहां 7भ्0 करोड़ आंकी गई थी, वहीं इसके लिए पब्लिक सेक्टर्स की कंपनियों तक से एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट के आवेदन भी मांगे जा चुकी है। मतलब साफ है कि गवर्नमेंट प्रोजेक्ट्स को लेकर सीरियस है। इधर, रिस्पना व बिंदाल नदी पर बनने वाले इस प्रोजेक्ट पर लैंड यूज की फाइल पर अब तक शासन से कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है। जबकि नदियों के किनारे किए गए निर्माण हटाने के हाईकोर्ट के फैसले से सरकार असमंजस में है। उम्मीद की जा रही है कि सीएस की मौजूदगी में होने वाली बैठक में कोई हल निकल सकता है। एमडीडीए के सचिव जीसी गुणवंत ने बताया फ्राइडे को सीएस की मौजूदगी में आरएफडी पर बैठक प्रस्तावित है।

::रिलीव किए गए इंजीनियर्स::

-एसई-संजीव जैन।

-ईई-संजय राज।

-एई-शैलेंद्र रावत।

-जेई-बलबीर सिंह राणा।

बायोमैट्रिक हाजिरी के साथ साडा कार्मिकों नई पारी शुरू

साडा के एमडीडीए में मर्ज होने के बाद थर्सडे यानि पहली अगस्त से साडा कार्मिकों ने अपना काम शुरू कर दिया। पहले दिन प्रीतम रोड से साडा के सचिव के मौजूदगी में कुछ फाइलों को एमडीडीए के लिए रवाना करना पड़ा है। वहीं साडा कार्मिकों की उपस्थिति के लिए बायोमैट्रिक की व्यवस्था की गई। दोपहर के वक्त साडा के सचिव एसएल सेमवाल भी एमडीडीए मुख्यालय पहुंचे। एमडीडीए में पहले फ्लोर पर साडा कार्मिकों के बैठने का इंतजाम किया गया। दिनभर कार्मिकों के केबिन बनाने का कार्य होते रहा।

Posted By: Inextlive