-दिनभर रहे भूख हड़ताल पर बाल बंदियों ने किया पथराव

- दो मई को हुए बवाल में कार्रवाई का कर रहे थे विरोध

-समाजवादी पार्टी और मुख्यमंत्री के समर्थन में की नारेबाजी

Meerut : सिपाही हत्याकांड के आरोप में पेशी के विरोध में बाल बंदियों ने भूख हड़ताल के बाद देर शाम पथराव शुरू कर दिया। शुक्रवार सुबह 57 बाल बंदियों ने संप्रेषण गृह को कब्जा लिया, स्टाफ को जान से मारने की धमकी देकर भगा दिया। बाल बंदियों की नाराजगी की जानकारी पर जिला प्रशासन के होश उड़ गए और आनन-फानन में अफसरों ने उस ओर दौड़ लगा दी। भूख हड़ताल से बाल बंदियों का आंदोलन हिंसा पर उतर आया। देर रात छत पर चढ़े बाल बंदी डेक पर गाने बजाकर डांस और पथराव करते रहे। उन्होंने समाजवादी पार्टी और मुख्यमंत्री के समर्थन में नारेबाजी भी की। बाल बंदियों ने लक्ष्मीकांत बाजपेयी मुर्दाबाद के नारे भी लगाए।

खुद को फंसता देख बौखलाए

मेरठ के राजकीय संप्रेषण गृह में फिलहाल 57 बाल बंदी निरुद्ध हैं। इसमें 33 मेरठ के और 24 बाल बंदी बागपत के हैं। इन बाल बंदियों में वे भी शामिल हैं जिन्होंने 11 दिसंबर 2014 को बुलंदशहर से पेशी से लौटते वक्त एक सिपाही की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। प्रकरण की डीएम पंकज कुमार की अध्यक्षता में जांच चल रही है तो वहीं दूसरी ओर आरोपी बाल बंदियों की लगातार पेशी भी हो रही है। बुधवार को इस प्रकरण में कुछ बाल बंदियों की पेशी किशोर न्याय बोर्ड में थी। पेशी के विरोध में बुधवार को ही आरोपी बाल बंदियों ने बोर्ड में हंगामे की कोशिश की जिन्हें समझाबुझाकर शांत कर दिया।

गुरुवार को भड़क गए

गुरुवार सुबह 7 बजे जैसे ही शिफ्ट चेंज हुई, बाल बंदियों ने राजकीय संप्रेषण गृह को कब्जा लिया। जान से मारने की धमकी देते हुए तीन कर्मचारियों को बाल बंदियों ने तीसरी मंजिल से न नीचे भगा दिया और अंदर से ताले बंद कर लिए। जानकारी पर सिटी मजिस्ट्रेट केशव कुमार मौके पर पहुंचे और बाल बंदियों को समझाने का प्रयास करते रहे। मंडलीय उप परिवीक्षा अधिकारी आशुतोष सिंह, विधि सह परिवीक्षा अधिकारी श्रीति सगर साथ मौजूद थे। करीब साढ़े 10 बजे एडीएम सिटी एसके दुबे पहुंचे। बाल बंदियों ने उनसे भी बात नहीं की। एसीएम ज्योति राय ने भी बाल बंदियों को मनाने की नाकाम कोशिश की।

Posted By: Inextlive