- यूनिवर्सिटी में दिखी गुस्से की गर्मी

- ललित कला संस्थान के स्टूडेंट्स ने किया हंगामा

- लॉ स्टूडेंट्स अधूरी मार्कशीट्स के साथ पहुंचे

- बीएड स्टूडेंट्स ने दिया धरना

AGRA। फ्राइडे को गर्मी ने अपने पूरे तेवर दिखाए। इसका असर हर जगह दिख रहा था। लेकिन अंबेडकर यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स के दिमाग गर्मी से नहीं बल्कि प्रॉब्लम्स झेल-झेल कर पक गए थे। समस्याओं से उबल चुके दिमागों ने फ्राइडे को यूनिवर्सिटी में जमकर हंगामा किया। एक नहीं बल्कि तीन-तीन कोर्सेज के स्टूडेंट्स ने यूनिवर्सिटी में हंगामा किया, अपनी मांगे रखीं और धरना दिया।

मांगे जा रहे हैं पैसे

फ्राइडे दोपहर यूनिवर्सिटी में काफी गर्मी दिखाई दी। यह गर्मी मौसम की नहीं बल्कि स्टूडेंट्स के गुस्से की थी। ललित कला संस्थान के स्टूडेंट्स यूनिवर्सिटी पहुंचे। उनका आरोप था कि बीएफए और एमएफए के स्टूडेंट्स से फीस मांगी जा रही है। संस्थान में पांच मई से प्रैक्टीकल हैं। स्टूडेंट्स ने स्कॉलरशिप और फीस वापसी के फॉर्म भरे थे। स्टूडेंट्स का कहना है कि उन्होंने संस्थान के निदेशक से कहा था कि जैसे ही स्कॉलरशिप उनके एकाउंट्स में आएंगी, वो फीस जमा करा देंगे। स्कॉलरशिप आई लेकिन ब्0भ्0 स्टूडेंट्स की रह गई। इस पर स्टूडेंट्स ने बात की तो उन्हें जवाब नहीं मिला। लेकिन संस्थान द्वारा उन पर फीस जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है। उनसे कहा जा रहा है कि अगर फीस जमा नहीं की तो उन्हें एग्जाम में बैठने नहीं दिया जाएगा। इसी प्रॉब्लम के साथ स्टूडेंट्स यूनिवर्सिटी में रजिस्ट्रार से मिलने पहुंचे थे। लेकिन रजिस्ट्रार की अनुपस्थिति में डीआर प्रभात रंजन ने उनकी शिकायत सुनी और आश्वासन दिया कि जल्दी इस दिशा में कार्यवाही की जाएगी। संस्थान के स्टूडेंट्स ने संस्थान में फैली हुई अव्यवस्थाओं के बारे में भी बात की।

बिना नाम के मिली मार्कशीट

आगरा कॉलेज में चल रहे बीएएलएलबी कोर्स के थर्ड ईयर के स्टूडेंट्स उस समय हैरान रह गए जब उन्हें मिली मार्कशीट में ना तो नाम ही था और ना ही उनका एनरोलमेंट नंबर। बिना एनरोलमेंट नंबर के मिली मार्कशीट को देख सभी परेशान थे। इन मार्कशीट्स में स्टूडेंट्स के नाम भी नहीं थे, यही नहीं उनमें स्टूडेंट्स के पिता के नाम भी नहीं थे। इसके अलावा इन मार्कशीट्स में मॉमडेन लॉ सब्जेक्ट को भी शामिल नहीं किया गया था। अधूरी मार्कशीट लेकर पहुंचे स्टूडेंट्स रजिस्ट्रार से पूछना चाहते थे कि इन मार्कशीट्स का वे क्या करेंगे? लेकिन रजिस्ट्रार की अनुपस्थिति में मिले डीआर प्रभात रंजन ने उन्हें दो-तीन में समस्या दूर करने का आश्वासन दिया।

मार्कशीट नहीं तो नौकरी कैसे करें?

अपनी इसी समस्या के साथ बीएड के कुछ स्टूडेंट्स यूनिवर्सिटी पहुंचे थे। ये वो स्टूडेंट्स हैं जो पिछले कई सालों से अपनी मार्कशीट्स के लिए यूनिवर्सिटी के चक्कर लगा रहे हैं। यह स्टूडेंट्स जयमूर्ति कॉलेज, सिरसागंज के हैं। इस कॉलेज से इन्होंने ख्008-09 में बीएड की थी। लेकिन अभी तक प्रोवीजनल मार्कशीट नहीं मिली हैं। हर बार चक्कर लगाने पर कमियां निकाल दी जाती है। लेकिन जब चार्ट चैक किए गए तो सब कुछ ठीक था, रजिस्टर में भी इनके नामों की एंट्री नहीं की जाती है। पिछले वेडनसडे को प्रभात रंजन ने बात सुनी तो कहा कि चार्ट लाओ, फिर बात करेंगे। इन स्टूडेंट्स ने जब चार्ट देखा तो चार्ट में कहीं कोई गलती नहीं थी। बस यहीं से उनका गुस्सा भड़का। रजिस्ट्रार ऑफिस में ही धरने देकर बैठ गए। इन स्टूडेंट्स का कहना था कि भर्तियां होने वाली हैं। प्रोवीजनल मार्कशीट नहीं मिलेगी तो कैसे नौकरी करेंगे। इन्हें आश्वासन मिला है कि मंडे को भी इनका काम करा दिया जाएगा।

'स्टूडेंट्स अपनी समस्याओं के साथ पहुंचे थे। हम उनकी समस्याओं को दूर करने का प्रयास करेंगे। सभी से समय मांगा है.'

- प्रभात रंजन, डीआर

Posted By: Inextlive