व‌र्ल्ड कप 2014 में तीसरे स्थान के लिए होने वाला मैच कुछ अलग होता है. इसमें वो दो टीमें मुकाबला कर रही होती हैं जिनको दो दिन पहले लगा था कि उनकी दुनिया लुट चुकी है. सेमीफाइनल की हार के बाद आंसुओं में डूबे हुए चेहरे दो दिन बाद फिर गोल मारकर मुस्कुराते हुए नजर आते हैं. इस मैच को जीत कर भी बात कुछ खास नहीं बनती क्योंकि तीसरा हो या चौथा स्थान से कोई खास फर्क नहीं पड़ता. लोगों को याद भी नहीं रहता कि कौन सी टीम तीसरे पर रही और कौन चौथे स्थान पर. तीसरे और चौथे स्थान के लिए मैच खेल रही टीमें व‌र्ल्ड कप की सबसे बदनसीब टीमें होती हैं जो कि मंजिल के करीब पहुंचकर चूक जाती हैं. आखिर कैसे बदनसीबों की इस जंग में ब्राजील निकला एक बड़ा अभागा जानने के लिए पढ़े सीनियर न्यूज एडिटर उमंग मिश्र का विस्तृत विश्‍लेषण...


सुपरस्टार के बिना दिशाहीनसेमीफाइनल तक पहुंचने वाली टीम में यकीनन इतना दम होता है कि वो खिताब जीत सकती है. तीसरी और चौथी पोजीशन के लिए होने वाला मैच ये दिखाता है कि बड़ी से बड़ी हार चाहे वो व‌र्ल्ड कप के सेमीफाइनल की ही क्यों न हो उससे दुनिया खत्म नहीं होती. सिर्फ अगले मैच में जीत मरहम बन जाती है टूटे दिलों के लिए. पर ब्राजील को अपनेदेश में हुए व‌र्ल्ड कप में वो मरहम भी नसीब न हुआ. व‌र्ल्ड कप 2014 में तीसरे स्थान के लिए मैच में में नीदरलैंड ने ब्राजील को 3-0 से हरा कर ये साबित कर दिया कि ब्राजील अफसोस न करे, वो जहां तक पहुंच गई थी वही बहुत था. जो टीम सिर्फ एक सुपरस्टार नेयमार के बिना दिशाहीन हो जाए वो तो व‌र्ल्ड कप का फाइनल डिजर्व भी नहीं करती.


राम-राम कर निकाला पहला हाफ

इस गोल के बाद भी ब्राजील कोई गंभीर खतरा नीदरलैंड के लिए नहीं बना पा रही थी. मैच के 17वें मिनट में ब्राजील के डिफेंडर डेविड लुइज नेफिर अपनेपैरोंपर कुल्हाड़ी मारी जब बॉल क्लियर करने की कोशिश में वो नीदरलैंड के ब्लिंड को बॉल थमा बैठे. ब्लिंड के नाम की स्पेलिंग जरूर बीएलआईएनडी थी पर वो अंधे नहीं थे. ब्लिंड ने आराम ने गोल कर दिया. उस टाइम लगा कि ब्राजील फिर उसी राह पर जा रहा है जहां जर्मनी के खिलाफ मैच में था. लेकिन इस गोल के बाद नीदरलैंड की टीम थोड़ा रिलैक्स हो गई और ब्राजील ने राम राम कर के पहला हाफ बिना किसी अन्य गोल के काटा....पर गोल कौन मारेगादूसरे हाफ में नीदरलैंड की टीम की बॉडी लैंग्वेज ऐसी थी जैसे कि वो मैच जीत चुके हों. इसका फायदा ब्राजील को मिला और उसके खिलाड़ियों ने लगातार अटैक किया. पर सवाल वही कि गोल कौन मारेगा. कोच स्कोलारी ने हल्क को उतारा पर जो हल्क नेयमार के रहते पूरे व‌र्ल्ड कप में गोल न मार पाया वो इस मैच में क्या गोल मारता. बार बार पेनाल्टी बॉक्स के नजदीक पहुंचकर भी बॉक्स के भीतर पेनीट्रेट कर पाने में ब्राजीली खिलाड़ियों को परेशानी होती रही. हालांकि युवा प्रतिभाशाली खिलाड़ी ऑस्कर ने कई बार हलचल पैदा की पर उन्हें फिनिशर नहीं मिला. पूरे सेकेंड हाफ में कोशिश करके भी ब्राजील ए क भी गोल नहीं दाग पाया. किन-किन बातों के जवाब देंगे स्कोलारी

90 मिनट पूरा होने के बाद मिले स्टॉपेज टाइम के पहले मिनट में नीदरलैंड के विनालडम ने मैच का तीसरा गोल दागकर इस बात  पर मुहर लगा दी कि ब्राजील तीसरे स्थान के लायक भी नहीं थी. ब्राजील की टीम की इस हालत का जवाब कोच स्कोलारी को देना होगा. ब्राजील एक ऐसा देश है जिसके पास सबसे ज्यादा गर्व करने वाली चीज उनका फुटबॉल ही है. फुटबॉल ब्राजील वालों के खून में ऐसा रचा बसा है कि ब्राजील की दो मजबूत टीमें तैयार की जा सकती हैं. खिलाडियों का उनका पूल बहुत अच्छा है फिर स्कोलारी ने हल्क और फ्रेड जैसों को टीम में चुना ही क्यों. क्यों अकेले नेयमार के बल पर खेलने उतरे. उनके पास कोई प्लान बी क्यों नहीं था. शायद इन सवालोंका जवाब देने का मौका भी उन्हें अब नहीं दिया जाएगा. ब्राजील तो अगले व‌र्ल्ड कप में फिर चमकेगा क्योंकि नेयमार कहीं नहीं जा रहे. नेयमार की उम्र अभी सिर्फ 22 साल है और वो अगले फीफा व‌र्ल्ड कप में अपने खेल के पीक पर होंगे. हो सकता है अगला व‌र्ल्ड कप ब्राजील और नेयमार के नाम से जाना जाए पर शायद उस व‌र्ल्ड कप में फिलिप स्कोलारी कोच नहीं होंगे.

Posted By: Subhesh Sharma