भारत को लगता है कि उसकी न्याय व्यवस्था के भगोड़ों के लिए ब्रिटेन 'स्वर्ग’ बन गया है। भारत के ब्रिटेन में उच्चायुक्त वाईके सिन्हा ने ब्रिटिश अदालत में विजय माल्या के खिलाफ जारी प्रत्यर्पण प्रक्रिया का अप्रत्यक्ष जिक्र करते हुए यह बात कही।

भारत-ब्रिटेन संबंधों पर एक नई किताब 'विनिंग पार्टनरशिप : इंडिया-यूके रिलेशन्स बिआन्ड ब्रेक्जिट के विमोचन अवसर पर सिन्हा ने माल्या की प्रत्यर्पण प्रक्रिया के अलावा ब्रिटिश संसद में भारत विरोधी बहस का भी जिक्र किया। उन्होंने ब्रिटिश मीडिया से अनुरोध किया कि भारत आज जिस मुकाम पर है, वह उसके अनुरूप रिपोर्टिंग करे। वाईके सिन्हा ने कहा, 'जिस तरह ब्रिटेन अपनी जमीन पर भारत विरोधी गतिविधियों को अनुमति दे रहा है, दिल्ली में लोग इससे खासे क्षुब्ध हैं। हम भी लोकतांत्रिक समाज हैं, लेकिन हम ऐसे मसलों पर चर्चा नहीं करते जो हमारे मित्रों और सहयोगियों को प्रभावित करते हैं।

 

इंडिया से लंदन पहुंचे थे माल्या
बता दें कि पूर्व किंगफिशर एयरलाइन्स के प्रमुख 61 वर्षीय माल्या पर विभिन्न भारतीय बैंकों के 9,000 करोड़ रुपए बकाया हैं और वह पिछले साल मार्च से ब्रिटेन में रह रहे हैं। धोखाधड़ी के आरोपों पर अप्रैल में उन्हें स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जिसके बाद ब्रिटिश अदालतों में उनकी आधिकारिक प्रत्यर्पण प्रक्रिया शुरू हुई थी। उन्होंने सेंट्रल लंदन पुलिस स्टेशन में गिरफ्तारी दी थी, लेकिन कुछ ही घंटों बाद उन्हें 6।5 लाख पौंड के जमानत बांड पर कुछ शर्तों के साथ रिहा कर दिया गया था। इन शर्तों में पासपोर्ट जमा करना और किसी भी यात्रा दस्तावेज को रखने पर रोक शामिल थी।

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Posted By: Chandramohan Mishra