-मीरगंज तहसील ने किसी भी तरह से डोमिसाइल बनाने से किया इंकार

-फर्जी मुहर और साइन कर बनाया गया डोमिसाइल

>

BAREILLY: सेना भर्ती में फर्जी प्रमाण पत्र दलाल ने तहसील से नहीं बल्कि खुद ही तैयार किया था। इसके लिए उसने फर्जी मुहर बनवाने के साथ-साथ फर्जी सिग्नेचर भी किए थे। वैरीफिकेशन में तहसील ने विश्वेंद्र का डोमिसाइल तहसील से बनने से साफ इंकार किया है। सेना की जांच में यह भी आया है कि अन्य कैंडिडेट के डॉक्यूमेंट भी कहीं न कहीं फर्जी बनाए गए थे। मेरठ एजुकेशन बोर्ड ने भी फर्जी डॉक्यूमेंट बनाने की बात वैरीफिकेशन में स्वीकार ली है। अब सेना और पुलिस को बस दलाल की तलाश है। दलाल के गिरफ्त में पूरे रैकेट का भंडाफोड़ हो सकता है।

अन्य के डॉक्यूमेंट में भी है कमी

विश्वेंद्र, आगरा का रहने वाला है। बरेली में आगरा डिस्ट्रिक्ट की भर्ती नहीं होनी थी। इसलिए उसने बरेली डिस्ट्रिक्ट से डोमिसाइल बनवाया। इसके लिए उसने धर्मपाल नाम के दलाल से संपर्क किया था। धर्मपाल ने मीरगंज की तहसील के एक गांव का फर्जी डोमिसाइल तैयार कर उससे दो लाख रूपये ऐंठ लिये। सेना ने जब तहसील में वैरीफिकेशन के लिए डोमिसाइल भेजा तो तहसील ने इस तरह के किसी तरह के डोमिसाइल बनने से इंकार कर दिया। इसी तरह से अन्य कैंडिडेट ने सेना और पुलिस के सामने अपने डॉक्यूमेंट सही होने और ऑनलाइन एंट्री न होने की बात कही थी लेकिन सेना की इंटेलीजेंस ने वैरीफिकेशन में गड़बड़ी की बात कही है। डॉक्यूमेंट कहीं न कहीं फर्जी हैं।

Posted By: Inextlive