आगरा। बसपा सुप्रीमो मायावती ने रविवार को कोठी मीना बाजार मैदान से चुनावी बिगुल फूंकते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव पर सीधे निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव मुझे बुआ कहने के हकदार नहीं है, क्योंकि उनके पिता और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने उन पर प्राणघातक हमला कराया था। अपने 55 मिनट के भाषण में उन्होंने सपा के अलावा भाजपा और कांग्रेस को जमकर लताड़ा।

नैतिक अधिकार नहीं है

बसपा सुप्रीमो ने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पिता और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने वर्ष 1995 में प्राणघातक हमला कराया था। अब उनका बेटा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव मुझे बुआ कहकर संबोधित करता है, जबकि उसे मुझे बुआ कहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। अखिलेश यादव नाटक करते हैं। रक्षाबंधन के दिन तमाम समाज की महिलाओं से उन्होंने राखी बंधवाई थी, लेकिन रक्षासूत्र तो बंधवा लिया, लेकिन महिलाएं प्रदेश में सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा और सपा दोनों मिलीं हुई हैं। प्रदेश में दंगे करा रहे हैं। ये जनता को गुमराह कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से भाजपा से सावधान रहने की सलाह दी।

इसी मैदान से मोदी ने किया था वादा

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी मैदान से जनता से वादा किया था कि अगर भाजपा की केंद्र में सरकार आई तो 100 दिन के अंदर वे कालाधन वापस लेकर आएंगे। और गरीबों के खातों में 15 से 20 लाख रुपये जमा कराएंगे, ढाई साल की मोदी सरकार अभी तक कालाधन वापस नहीं ला सकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता से अच्छे दिन आने का वादा किया था, लेकिन किसी को अच्छे दिन दिखाई दे रहे हैं क्या? उन्होंने कहा भाजपा कभी भी स्वार्थ के लिए युद्ध करा सकती है। देशप्रेम के नाम पर नाटकबाजी की जा रही है। तिरंगा यात्रा इसी उद्देश्य से निकाली जा रही, जिससे देशप्रेम के नाम पर लोगों को गुमराह किया जा सके।

धन्नासेठों को लाभ हो रहा है

उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार से धन्नासेठों को लाभ हो रहा है। गरीब, मजदूर, किसान परेशान हैं। उन्हें कर्ज वसूली के लिए जेल भेजा जा रहा है। वहीं ललित मोदी, माल्या जैसे धन्नासेठों से वसूली न कर उनका कर्जा माफ किया जा रहा है। केंद्र की भाजपा सरकार में किसानों गरीबों और मजलूमों का शोषण हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने कोई विकास नहीं कराया है। जो बडे़ कार्य हुए हैं, उनकी शुरूआत उनकी वर्ष 2008 में रही सरकार के दौरान ही शुरूआत हो गई थी, उनमें लखनऊ में मेट्रो भी शामिल है।

दयाशंकर जैसी टिप्पणियां और हो सकती हैं

बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि भाजपा के पूर्व नेता दयाशंकर सिंह ने जो टिप्पणी की थी, वैसी ही और हो सकती हैं। इस प्रकार की टिप्पणियों से विचलित होने की जरूरत नहीं है। इस स्थिति में धैर्य और संयम बरतने की जरूरत है। इस बात उन्होंने इसलिए कहीं कि दयाशंकर की टिप्पणी के बाद बसपा ने जो पलटवार किया था, वह बसपा के लिए उल्टा पड़ गया। ये फिर से आवेश और जोश में नहीं करना है।

हमारा नारा नहीं 'तिलक, तराजू और तलवार'

तिलक तराजू और तलवार इनको मारो जूते चार, ये नारा देने वाली बसपा सुप्रीमो मायावती अब मुकर गई हैं। उन्होंने कहा कि इस नारे को हमारे ऊपर थोपा जा रहा है। जबकि ये नारा उनका नहीं है।

गौरक्षा और लव जैहाद के नाम पर शोषण

भाजपा और लव जैहाद और गौरक्षा के नाम पर मुस्लिम समाज का शोषण करती है। भाजपा लोगों को सपने दिखाती है।

Posted By: Inextlive