- हाईकोर्ट की फटकार के बाद बुडको को दी गई थी जिम्मेवारी

- 14 महीने बाद भी पूरा नहीं किया गया है मौर्यालोक का काम

- वाटर टैंकर की मरम्मती के बदले चढ़ा दिया गया रंग

PATNA: डीएम व कमिश्नर ने जब मौर्यालोक के सौंदर्यीकरण और बेस्ट मार्केटिंग हब बनाने को लेकर शॉपकीपर एसोसिएशन से बात की, तो उन्होने ख्फ् प्वाइंट सामने रखे, जिसे लेकर हाईकोर्ट ने गवर्नमेंट को फौरन एक्शन लेने और मौर्यालोक को बेहतर बनाने के लिए फटकार लगाई थी। हाईकोर्ट की फटकार के बाद गवर्नमेंट ने नगर निगम के जरिए बुडको को इसकी जवाबदेही दी और अप्रैल ख्0क्ब् में मौर्यालोक के सौंदर्यीकरण को लेकर काम शुरू किया गया। इस रेनोवेशन की जवाबदेही मिलते ही बुडको ने काम तो शुरू किया, पर इस दौरान मौर्यालोक शॉपकीपर एसोसिएशन से लेकर निगम कमिश्नर किसी से भी मूलभूत परेशानी जाननी नहीं चाही। छह महीने के अंदर काम को पूरा करने के दावे के साथ बुडको ने जिस तेजी से काम शुरू किया है, वह क्ब् महीने बाद भी पूरा नहीं हो पाया है।

और झड़ रहा प्लास्टर

बुडको ने दावा किया था कि अक्टूबर तक काम पूरा हो जाएगा, पर सौंदर्यीकरण के नाम पर अब तक जितने भी काम हुए हैं, सब सवालों के घेरे में फंसते जा रहे हैं। मौर्यालोक के वाटर टैंकर की मरम्मती करने के बदले सिर्फ रंग चढ़ा दिया गया है। आज भी टैंकर की दीवार से रिसता रहता है। ग्राउंड फ्लोर पर जो टाइल्स लगाया गया है, उसे लेकर निगम और शॉपकीपर एसोसिएशन दोनों ने विरोध किया था। इसके बाद भी फ‌र्स्ट फ्लोर, सेकेंड फ्लोर पर काम चल रहा है। सीवरेज व ड्रेनेज पर क्ब् महीने बाद भी हाथ नहीं लगाया गया था। तीन करोड़ 9म् लाख के इस प्रोजेक्ट को बुडको सत्यानाश करने में जुटा है।

नहीं हुआ काम शुरू

एक करोड़ 7भ् लाख की लागत से मौर्यालोक के अंदर सड़क का निर्माण कार्य होना था, पर अब तक इस पर काम शुरू नहीं किया गया। जैसे ही सड़क का काम शुरू होगा, वैसे ही इंटरनल वर्क की विभिन्न कैटेगरी के कामों भी तेजी आएगी।

बर्बाद हो गया

मौर्यालोक शॉपकीपर एसोसिएशन के राजेश कुमार उर्फ डब्लू ने बताया कि बुडको ने तो मौर्यालोक की हालत को और भी बदतर कर दिया है। रेनोवेशन का डीपीआर बुडको ने ही बनाया और अब कह रहा है कि पैसा कम पड़ गया है। वहीं, बुडको ने जब कचरा प्रबंधन की दिशा में हाथ बढ़ाया, तो वो भी चौपट हो गया। हर वार्ड में वाटर टावर बनाने की योजना थी, पर यह काम भी अधर में है।

परेशानियों से घिरा मौर्यालोक

टाइल्स : मौर्यालोक के बेसमेंट से लेकर हर फ्लोर पर लगने वाली टाइल्स की वजह से हर दिन आने वाले लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। लोग स्लीपी टाइल्स पर हर दिन गिर रहे हैं।

पानी टैंकर : मौर्यालोक के बी ब्लॉक की छत पर बने पानी टैंकर की हालत काफी जर्जर है। आज भी पीने का पानी छत पर बहते रहता है।

वायरिंग : बिजली के तार और सौ से अधिक जेनरेटर कनेक्शन के तार जैसे-तैसे दीवारों पर झूल रहे हैं। इस पर तो अभी बुडको की ओर से हाथ भी नहीं लगाया गया है।

सीवरेज और ड्रेनेज : सीवरेज और ड्रेनेज की सुविधा पर भी काम नहीं हो पाया है। इस वजह से मौर्यालोक में पीने के पानी की समस्या हमेशा बरकरार रहती है।

पार्किंग और सिक्योरिटी : पार्किंग और सिक्योरिटी सहित लाइट्स के मुद्दे पर भी कुछ काम नहीं हो पाया है, जबकि ये सारे काम छह महीने के भीतर हो जाना चाहिए।

यूरिनल तो बन गया, पर

क्फ् यूरिनल में सिर्फ दो ही बुडको की ओर से तैयार किया गया है, जिसकी हालत बहुत खराब हो चुकी है, क्योंकि उसकी सफाई व मेनटेनेंस पर ध्यान नहीं दिया जाता।

इसकी है जरूरत

- पार्किंग व्यवस्था

- जेनरेटर

- सोलर स्ट्रीट लाइट

- प्रसाधन

- अग्निशमन यंत्र

- सुरक्षा व्यवस्था

- सफाई व्यवस्था

- पार्क

- क्लोज सर्किट टीवी कैमरे

- ड्रेनेज एवं सीवरेज

- डस्टबिन

- आंतरिक सड़क

- बिजली के जर्जर तार एवं पैनल रूम

- शुद्ध पेयजल

- हाईमास्ट लाइट

- लिफ्ट

- हरित-पट्टी

- पुलिस सहायता बूथ

- इंटरनल डक्ट

- एटीएम काउंटर

- पानी टंकी

- प्रदर्शिका बोर्ड

पटना के दो प्रोजेक्ट बुडको ने कर दिया बर्बाद

कचरा प्रबंधन

बुडको को कचरा प्रबंधन की जवाबदेही भी दी गई थी। एमडी ने निगम को भरोसा दिलाया था कि जल्द ही इस पर काम शुरू किया जाएगा। इसके लिए तीन कंपनियों ने हामी भी भर दी थी, पर ऐन वक्त पर तीनों कंपनियां नहीं आई। बुडको ने अपना हाथ खड़ा कर निगम के उपर ही कचरा प्रबंधन का काम सौंप दिया।

वाटर टॉवर

हर घर में स्वच्छ पानी पहुंचे इसके लिए बुडको को यह जवाबदेही दी गई थी। हर वार्ड में पानी टावर का निर्माण कार्य किया जाएगा। इसके लिए डीपीआर तैयार हुआ, फिर भी बुडको ने उसे ब्लैक लिस्ट में डाल दिया।

Posted By: Inextlive