जी हां बेशक आप हीरा ही हैं। यदि सामने वाला आपका मोल सही न बता पाए तो समझिए उसकी जानकारी सही नहीं है। उसकी औकात नहीं कि आपका मूल्‍य चुका सके। दरअसल उसकी हैसियत ही नहीं कि वह आपकी कीमत आंक सके। दर-दर की ठोकर खा चुका जिंदगी से बेजार एक व्‍यक्ति व्‍यक्ति भगवान बुद्ध से टकराया तो उसने भगवान से पूछ लिया कि एक मानव जीवन का क्‍या मोल है? भगवान ने उसे गौर से देखा। फिर उसे जो जवाब दिया वह अपने जीवन को कम करके आंकने वाले हरएक के लिए प्रेरणादायक है। आप भी पढ़ें यह रोचक कहानी...


इस पत्थर का मूल्य पता करके आओभगवान बुद्ध ने उस व्यक्ति को एक चमकीला पत्थर दिया और कहा जाओ इसकी कीमत पता करके आओ तो फिर तुम्हें बताऊंगा कि मानव जीवन के मूल्य के बारे में बताऊंगा। हां, ध्यान रखना अलग-अलग लोगों से सिर्फ इसका मूल्य पता करके आना बेचना नहीं। व्यक्ति ने निराशा से उस पत्थर को उलट-पुलट कर देखा और धीरे-धीरे अनमने वह वहां से निकल पड़ा।12 संतरे ले जा, ये पत्थर दे जा
धीरे-धीरे वह बाजार तक पहुंच गया। पत्थर एक संतरे वाले को दिखाकर कीमत पूछी तो संतरे वाले ने पत्थर को गौर से देखा फिर बोला 12 संतरे ले जा और इस पत्थर को मुझे दे जाओ। बगल में एक सब्जी वाला यह सब देख रहा था। उसने उस चमकीले पत्थर के लिए एक बोरा आलू का ऑफर दे डाला। उसने कहा अब दे भी दो भइया इसका तुम क्या करोगो। एक बोरा आलू कम नहीं होते।सुनार ने ऑफर की मुंहमांगी कीमत


अब उसकी चाल में थोड़ी तेजी आ गई थी। आंखों में चमक साफ दिखने लगी थी। उसे लगने लगा कि उसकी भी कोई हैसियत है। थोड़ा कॉलर ऊपर उठाया और आत्मविश्वास से भरकर एक सुनार की दुकान में घुसा। पत्थर दिखाकर कीमत पूछी जैसे उसे अभी बेच ही देगा। सुनार ने कहा 50 लाख। उसने मना कर दिया तो सुनार ने दो करोड़ का ऑफर कर डाला। उसने फिर भी मना कर दिया। तो उसने कहा भइया पत्थर मुझे दे दो कीमत जो तुम चाहो। उसने कहा मेरे गुरु ने इसे बेचने से मना किया है। यह कहकर वह सुनार की दुकान से बाहर निकल आया।जौहरी ने बताया, पत्थर बेसकीमतीथोड़ी दूरी पर ही जौहरी की दुकान थी। वह वहां गया और जौहरी को पत्थर दिखाकर कीमत पूछी। जौहरी ने पत्थर हाथ में लिया और माथे से लगा लिया। बोला ये तुम्हें कहां से मिला। यह बेसकीमती रूबी है। मैं क्या, पूरी कायनात बेचकर भी कोई इसकी कीमत नहीं चुका सकता। तब क्या हक्का-बक्का वह युवक तेज कदमों से बाहर निकल आया। इस बार उसकी कदम में तेजी, जिज्ञासा और कुछ जानने की ललक थी। हैरान-परेशान वह वहां से निकल कर सीधे भगवान बुद्ध के पास पहुंचा और पूरी कहानी एक सांस में सुना डाली।अपनी कदर करो, तुम अमूल्य हो

भगवान बुद्ध ने कहा अब मैं तुम्हें मानव जीवन का मूल्य बताता हूं। हर एक व्यक्ति का जीवन अमूल्य होता है। हर व्यक्ति में एक खासियत होती है। लेकिन उसे हरकोई नहीं समझ सकता। जैसे इस पत्थर को फल वाले ने 12 संतरे के बराबर समझा, सब्जी वाले ने एक बोरा आल, सुनार ने मुंहमांगी और जौहरी ने बेसकीमती। तुम भले हीरा हो लेकिन जरूरी नहीं कि सामने वाला जौहरी ही हो। हर सामने वाला अपनी औकात, अपनी जानकारी और अपनी हैसियत से तुम्हारी कीमत लगाएगा। घबराओ मत दुनिया में तुम्हारी सही कीमत लगाने वाला जौहरी भी मिल जाएंगे। इसलिए अपनी कद्र करो, तुम बहुमूल्य हो। सदा याद रखो कि तुम अपने आप में खास हो।

Posted By: Satyendra Kumar Singh