Budding novelist surprises citiets by his writing skills
लिखने का है passion लिखना मेरे लिए उतना ही इम्पॉर्टेंट है जितना सांस लेना। यह कहना है यंग नॉवेलिस्ट सुप्रतिम घोष दस्तीदार का। शायद इसी पैशन की वजह से सुप्रतिम ने इस उम्र में ऐसी उपलब्धि हासिल कर ली है जिसे अचीव में सालों गुजर जाते हैैं। उसने ना सिर्फ 176 पेजेज के इस नॉवेल को लिखा, बल्कि बिना किसी हेल्प के उसे दिल्ली के एक फेमस पब्लिशर द्वारा पब्लिश किए जाने का भी इंतजाम किया। सुप्रतिम की नॉवेल ‘नो वन फॉर मी’ जल्द ही बुक स्टोर्स पर अवेलेबल होगी।Teenage को बयां करती है novel
ये नॉवेल सोसाइटी के एक ऐसे इश्यू को बयां करती है जिसे समझना अक्सर टेढ़ी खीर होती है। खुद एक टीनएजर होने के बावजूद सुप्रतिम ने अपने नॉवेल में टीनएज लव जैसे सेंसिटीव मुद्दे को काफी जिम्मेदार और इंट्रेस्टिंग तरीके से पेश किया है। सुप्रतिम का कहना है कि टीनएज लाइफ का बेस्ट पीरियड होता है, इसमें ऐसे कई सीक्रेट्स होते हैं, जिन्हें हम पब्लिक में शेयर नहीं कर सकते। यह बुक लाइफ के इस फेज में होने वाले एक्सपिरीएंसेज को बताती है।6 महीनों में complete की book
सुप्रतिम ने अपने 10वीं कें बोर्ड एग्जाम्स के दौरान नॉवेल लिखना स्टार्ट किया था। उसने बताया कि पढ़ाई की प्रेशर इतनी ज्यादा रहती है कि किसी भी दूसरे काम के लिए टाइम निकालना काफी मुश्किल होता है। ऐसे में नॉवेल को पूरा करना काफी चैलेंजिंग रहा। स्टूडेंट लाइफ की सारी जिम्मेदारियों को पूरा करते हुए उसने नॉवेल को 6 महीनों मे पूरा किया।कई लोगों से मिला inspiration इस अचीवमेंट को हासिल करने में सुप्रतिम की कई लोगों ने हेल्प की। लिखने के प्रति पैशन पैदा करने में उसके फादर समीरन घोष दस्तीदार का बड़ा रोल रहा है। उन्होंने बताया कि उनके लिखने के इस शौक ने सुप्रतिम पर काफी असर डाला है। पापा के साथ-साथ सुप्रतिम को अपने स्कूल टीचर सितांशु दास से भी काफी मदद मिली। इस अचिवमेंट के लिए वह अपने भाइयों का भी बड़ा रोल बताता है। उसने बताया कि उसके भाई कौस्तुभ और कजन सिद्धार्थ ने मोरल सपोर्ट के साथ-साथ कंटेंट को लेकर भी काफी हेल्प किया।खुद को शिडनी शेल्डन और निकोलस स्पाक्र्स का बड़ा फैन बताते हुए उसने कहा कि इनकी नॉवेल्स से मुझे काफी इंस्पीरेशन मिला। उसने बताया कि निकोलस स्पाक्र्स ‘मैसेज इन ए बॉटल’ उसका फेवरेट बुक है। सबको दिया suprise
सुप्रतिम ने नॉवेल लिखे जाने से लेकर पब्लिश होने तक घरवालों को भी कुछ नही बताया था। सुप्रतिम ने बताया कि वह अपनी फैमिली को एक बड़ा सरप्राइज देना चाहता था, इसलिए सबकुछ सिक्रेटली किया। पापा को जब पहली बार नॉवेल के बारे मे पता चला तो उनकी खुशी का मानों कोई ठिकाना नहीं था।पढ़ाई में भी अव्वल कॉमर्स स्टूडेंट सुप्रतिम ने कभी अपने इस शौक को स्टडी के आड़े नहीं आने दिया। स्टडी के साथ-साथ एक्सट्रा करिक्यूलर एक्टीविटीज में भी वो हमेशा आगे रहा। उसने हाल ही में 88 परसेंट माक्र्स के साथ 10वीं बोर्ड पास किया है। स्कूल की तरफ से उसने कई क्रिएटिव राइटिंग कॉन्टेस्ट में पार्टिसिपेट किया है। लास्ट इयर ऑर्गनाइज किए गए एक क्रिएटिव राइटिंग कॉन्टेस्ट में उसने जोनल लेवल पर सेकेंड पोजीशन हासिल किया था। हाल ही में उसने हॉर्लिक्स विजकिड्स जीता है और अगले महीने बैैंगलोर में अपने स्कूल और सिटी को रिप्रजेंट करने वाला है।Future planning है जबरदस्त
राइटिंग के इस पैशन को सुप्रतिम और भी ऊंचाइयों तक ले जाना चाहता है। नो, वन फॉर मी के बाद जल्द ही उसकी पोएट्री बुक भी पब्लिश होने वाली है। नॉवेल के पब्लिकेशन के बाद वो जल्द ही 39 पोएम्स वाली इस बुक को पब्लिश करने की तैयारी में हैै। इस बुक को अपनी ड्रीम बुक बताते हुए उसने बताया कि ये पहले नॉवेल से काफी डिफरेंट होगी। 12वीं कंप्लीट करने के बाद उसने इंग्लिश ऑनर्स करने का मन बनाया है। पढ़ाई के बाद वो प्रोफेसर बनना चाहता है।सभी में है excitement सिटी में सुप्रतिम के नॉवेल को लेकर जबरदस्त एक्साइटमेंट है। नॉवेल के पहले कंसाइन्मेंट का इंतजार कर रहे बिष्टुपुर स्थित अग्र्रवाल बुक स्टोर के ओनर विमल अग्र्रवाल बताते हैैं कि अपने शहर के बच्चे द्वारा लिखी गई इस बुक को बेचना भी एक अच्छा अनुभव होगा। नॉवेल की ऑनलाइन प्री बुकिंग का ऑप्शन भी दिया गया है। कई ऑनलाइन शापिंग वेबसाइट्स पर ये नॉवेल अवेलेबल हैं।