- मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना के तहत मिलेगा लाभ

DEHRADUN: अब गर्भवती और धात्री महिलाओं को भी आंगनबाड़ी केंद्रों में अंडा, केला, दूध मिल सकेगा। इसके लिए मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना शुरू की जा रही है। गर्भवती और धात्री माताओं में एनीमिया और मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए राज्य के समस्त आंगनबाड़ी केंद्रों में ये व्यवस्था किए जाने के लिए 20 करोड़ का प्राविधान किया गया है। बाल पलाश योजना को बल देने के लिए भी 25 करोड़ की धनराशि प्रस्तावित है।

गर्भवती महिलाओं का रखा ध्यान

अब तक आंगनबाड़ी केंद्रों में तीन से छह साल तक के बच्चों को ही अंडे, केले बाल पलाश योजना के अंतर्गत दिए जाते हैं, लेकिन अब माताओं के लिए भी योजना शुरू होने जा रही है। गर्भवती, धात्री महिलाओं की एनीमिया के कारण मौत न हो इसलिए मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना शुरू की जा रही है। समाज कल्याण, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास के अंतर्गत 2020-21 के लिए 2014 करोड़ का प्राविधान किया गया है।

स्मार्ट फोन को 45 करोड़ का बजट

राज्य में बालिकाओं के जन्म को प्रोत्साहित करने और घटते हुए लिंगानुपात को रोकने के लिए मुख्यमंत्री सौभाग्यवती योजना प्रस्तावित की गई है। इस योजना के अंतर्गत प्रथम प्रसव में बालिका के जन्म पर धात्री माताओं को किट वितरित करने के लिए 17.50 करोड़ का प्राविधान प्रस्तावित है। हमारी कन्या हमारा अभिमान के अंतर्गत कन्या को जन्म के समय ही आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए शुरू की गई नंदा गौरा योजना के लिए 80 करोड़ की धनराशि प्रस्तावित है। आंगनबाड़ी वर्कर्स को स्मार्ट फोन उपलब्ध कराने के लिए 45 करोड़ के बजट का प्राविधान किया गया है।

मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना को शुरू करना वाकई में सराहनीय कदम है। इससे महिलाएं कुपोषण से दूर हो सकेंगी।

- साधना शर्मा, अध्यक्ष, उमा संस्था

बेटियों के जन्म पर खुशी मने। इसके लिए मुख्यमंत्री सौभाग्यवती योजना शुरू होना अपने आप में तारीफ की बात है। बजट सही है।

- रमा गोयल, अध्यक्ष, दून संस्कृति

ऐसे वृद्ध जो एकाकी जीवन जी रहे हैं और आर्थिक रूप से कमजोर हैं। उनके लिए राष्ट्रीय कार्य-योजना के तहत काम करना अच्छा है।

- ऋचा कोठियाल, मित्र लोक कॉलोनी

विभिन्न राज्य, केंद्र पोषित और नाबार्ड पोषित योजनाओं में पशुपालन विभाग के लिए 414.35 करोड़ का प्राविधान करना सराहनीय कदम है।

- जहांगीर आलम, भंडारीबाग

Posted By: Inextlive