प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाजपा संसदीय दल की बैठक के लिए संसद पहुंचे। इस बैठक में पार्टी के शीर्ष नेता शामिल हो रहे हैं। इस दाैरान मुख्य रूप से बजट 2023 पर चर्चा होगी।


नई दिल्ली (एएनआई)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) संसदीय दल की बैठक में शामिल हुए। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बैठक में पहुंचने पर प्रधानमंत्री मोदी का अभिनंदन किया। संसद में भाजपा की साप्ताहिक बैठक हर मंगलवार को होती है जब सदन चल रहा होता है। इस बैठक में हाल ही में पारित केंद्रीय बजट 2023-24 सहित महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है। संसद का बजट सत्र इस साल 31 जनवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संयुक्त अभिभाषण के साथ शुरू हुआ था। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को बजट 2023-24 पेश किया। हालांकि तब से अडानी मुद्दे पर जारी गतिरोध के कारण संसद में कोई कामकाज नहीं हुआ है।दोनों सदनों में व्यवधान


विपक्ष ने मांग की है कि सरकार को अडानी स्टॉक मुद्दे के बारे में संसद में जवाब देना चाहिए, जिसके बाद दोनों सदनों में व्यवधान देखा गया है। अडानी समूह के खिलाफ स्टॉक हेरफेर के आरोपों की जांच संयुक्त संसदीय समिति से कराने की विपक्षी पार्टियां मांग कर रही हैं। अडानी मुद्दे पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की अपनी मांग के संबंध में विपक्षी दलों ने मंगलवार को "दिन की रणनीति तय करने" के लिए एक बैठक की। हालांकि विपक्षी दलों के आज संसद में गतिरोध खत्म होने की उम्मीद है। अपनी मांगों को रखने के बाद वे राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा में भाग ले सकते हैं, अंतिम फैसला मंगलवार को विपक्षी दलों की बैठक में लिया जाना है। गतिरोध का तीसरा दिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने सोमवार को कहा कि जब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में अडानी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट पर चर्चा के लिए सहमत नहीं हो जाते, तब तक पार्टी "पीछे नहीं हटेगी"। संसद में इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस लगातार सरकार को घेर रही है और बजट सत्र के दौरान दोनों सदनों को स्थगित करना पड़ रहा है। सोमवार को, लोकसभा और राज्यसभा दोनों को दोपहर 2 बजे तक और फिर दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया। संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की विपक्ष की मांग को लेकर संसद में गतिरोध का आज तीसरा दिन है। विपक्ष की ओर से तर्क

कांग्रेस ने मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की मांग को लेकर सोमवार को एसबीआई की शाखाओं और एलआईसी के कार्यालयों के बाहर देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया। विपक्ष की ओर से तर्क दिया जा रहा है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों जैसे एसबीआई और एलआईसी में अडानी समूह के निवेश का मध्यम वर्ग की बचत पर बड़ा प्रभाव पड़ा है। विपक्षी दलों ने सोमवार को संसद के बाहर गांधी प्रतिमा के पास विरोध प्रदर्शन किया और हिंडनबर्ग-अडानी विवाद की संयुक्त संसदीय समिति जांच या उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच की मांग की।

Posted By: Shweta Mishra