- अभी भी लोगों में बरकरार है दंगे का खौफ

- सूनी हो गई एशिया की सबसे बड़ी सर्राफा मंडी

- सीजन से उम्मीद लगाए व्यापारियों को लगा झटका

Meerut : तीर गरान में हुए दंगे के बाद शहर के हालात भले ही सामान्य हो गए हों, लेकिन एशिया की सबसे बड़ी सर्राफा मंडी पर आज भी दंगे का खौफ बरकरार है। इसका खामियाजा सर्राफा व्यापारियों को झेलना पड़ रहा है। हाल ये है मेरठ सर्राफा मार्केट में ज्वैलरी खरीदने के लोग नहीं आ रहे है। मेरठ के लोग भी सर्राफा मार्केट में जाने से डर रहे हैं। सर्राफा मार्केट जीरो है।

बदनाम हुआ मेरठ

कारीगरी और गुणवत्ता से एशिया में साख बनाने वाली मेरठ की सर्राफा मंडी पर दंगे का ऐसा दाग लगा कि लोग उसे भुला नहीं पाए। बताते चलें कि मेरठ एशिया की सबसे बड़ी सर्राफा मंडी है, जहां लोग दूर-दराज से आकर ज्वैलरी की खरीदारी करते है। अब लोग यहां आने से ही डरते हैं। बाहर के खरीदार फोन पर मेरठ का माहौल पूछते हैं, मगर सही माहौल का विश्वास दिलाने के बावजूद ज्वैलरी खरीदने नहीं आ रहे हैं। सर्राफा बाजार स्थित शारदा आभूषण केंद्र के स्वामी अनिल शारदा का कहना है कि दिल्ली, राजस्थान, मध्यप्रदेश समेत तमाम राज्यों के लोग फोन करके मेरठ का माहौल पूछते हैं, लेकिन खरीददारी करने के लिए कोई नहीं आता।

बेकार गया सीजन

दंगा होने से सर्राफा व्यापारियों की उम्मीद भी टूट गई है। जी हां आजकल तगड़ा साया चल रहा है, दूल्हा-दूल्हन सात जन्मों के रिश्ते में बंध रहे हैं, लेकिन ज्वैलरी की खरीदारी नहीं हो रही है। ऐसे में सर्राफा व्यापारियों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। अक्षय तृतीया के बाद शादियों का सीजन सर्राफा व्यापारियों के लिए काफी अच्छा मौका था, लेकिन ये दंगे की भेंट चढ़ गया।

सिटी में सर्राफा की दुकानें

बाजार दुकानों की संख्या

सर्राफा बाजर ख्भ्0

नील गली ख्भ्00

कागजी बाजार म्00

कच्ची सराय क्000

सदर बाजार क्भ्00

आबूलेन भ्0

अन्य क्भ्0

नोट : अन्य में कंकरखेड़ा, शारदा रोड, ब्रह्मपुरी, लिसाड़ी रोड, किशन पुरा (मलियाना फाटक) मार्केट है।

सिटी में भ्0 हजार कारीगर

अगर बात सर्राफा कारीगरों की करें तो पूरी सिटी में इनकी संख्या करीब भ्0 हजार हैं, जो दूसरे प्रदेशों से यहां माइग्रेट होकर आए हुए हैं। म्0 फीसदी कारीगर वेस्ट बंगाल का है। फ्0 फीसदी कारीगर लोकल है और बाकी दस फीसदी महाराष्ट्र और राजस्थान का है।

ब्000 करोड़ का सालाना कारोबार

मेरठ में डेली का एवरेज सर्राफा कारोबार क्0-क्ख् करोड़ रुपए है। जो महीने फ्00 से फ्भ्0 करोड़ रुपए में बैठ जाता है। सालाना कारोबार करीब ब्000 करोड़ का है। थोक का कारोबार ज्यादा है, जो सर्राफा बाजार और नील गली में होता है। व्यापारियों की मानें तो दंगा होने के बाद मार्केट बिलकुल जीरो है। काम धंधा चौपट हो गया है।

दंगे से पूरे मेरठ की बदनामी हुई है, सबसे ज्यादा खामियाजा दुकानदार को भुगतना पड़ रहा है। दंगा होने के बाद माहौल सामान्य हो गया है, लेकिन अभी तक मेरठ के सर्राफा मार्केट में रौनक नहीं लौटी है। बाहर से लोग ज्वैलरी खरीदने के लिए नहीं आ रहे है, जिससे सर्राफा बाजार के व्यापारी परेशान है।

-नवीन गुप्ता

अध्यक्ष, संयुक्त व्यापार संघ

दंगे से सर्राफा बाजार चौपट हो गया है। बाहर से लोग खरीदारी करने के लिए नहीं आ रहे हैं। साथ ही मेरठ के लोग भी ज्वैलरी नहीं खरीद रहे हैं। ये बड़ी चिंता का विषय है। व्यापारी वर्ग परेशान है। इस बार हमें जो साए में उम्मीदे थी, सब पर पानी फिर गया है।

-सर्वेश कुमार सर्राफ

महामंत्री, मेरठ बुलियन ट्रेडर्स एसोसिएशन

Posted By: Inextlive