वैसे तो सनडे सूरज देव और फुल्ली मस्ती का दिन है लेकिन इस बार संडे को सन के दर्शन तक नहीं हुए और मौज-मस्ती का अरमान पाल कर बैठे लोगों को मायूसी हाथ लगी और वो सारा दिन-रात घरों में ही कैद होकर रह गए। बेमौसम की बरसात ने संडे का तो किरकिरा किया ही, इसके कई साइड इफेक्ट्स भी हैं। शहर में कीचड़-फिसलन ने लोगों को परेशान किया तो बदलता मौसम लोगों की सेहत पर भी भारी पड़ रहा है। खेती-किसानी करने वालों के लिए तो ये मौसम खास परेशानी भरा है। गेहूं की पूरी फसल लोट गई है तो आम के बौर भी झर रहे हैं। आइये अंदर के पेज पर देखते हैं, कैसे ये बरसात बन गई है परेशानी का सबब?

-एक बार फिर बेमौसम की बरसात ने डिस्टर्ब कर दी रूटीन लाइफ

-सड़कों पर कीचड़-फिसलन, फसल हुई बर्बाद, फ्लक्चुएशन से लोग पड़ रहे बीमार

-वेस्टर्न डिस्टर्बेस से बदला मौसम, कुछ दिन ऐसे ही चलेगा

VARANASI: कल तक जहां तेज धूप थी लोग हल्के कपड़ों में राहत महसूस कर रहे थे वहीं अचानक रविवार को मौसम ने पलटी मार दी। सुबह से ही आसमान पर काले-काले बादल छा गये। कोशिश के बाद भी सूरज अपना चेहरा नहीं दिखा सका। बादलों का मन इतने से ही नहीं भरा। खुद में जमा की गयी पानी की बूंदों को धरती की ओर धकेल दिया। शहर में सुबह से शुरू हुई बारिश रात तक चलती रही। इससे हर तरफ नुकसान हुआ। शहर के लोगों का संडे फन डे नहीं बन पाया। लोगों के गर्म कपड़े फिर से निकल आये, जरूरी काम से ही लोग बाहर निकले तो रोड पर उन्हें गंदगी और फिसलन का सामना करना पड़ा। मौसम का ये फ्लक्चुएशन बीमारियों को भी दावत दे रहा है। इसके अलावा फसलों को भारी क्षति हुई है।

अभी नहीं मिलेगी राहत

आसमान में मौजूद बादलों ने दिन भर में दो मिलीमीटर बरसात करायी। इसके चलते ख्ब् घंटे में अधिकतम तापमान ब्.क् डिग्री सेल्सियस गिर गया। मौसम विज्ञानी प्रो। एसएन पांडेय के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ का असर एक बार फिर पूर्वी उत्तर प्रदेश तक पहुंच गया है। हवा का रुख पछुआ है और पश्चिम की ओर से नमी भी यहां तक पहुंची है। इसके चलते बूंदाबांदी हो रही है। इस मौसम से जल्द राहत मिलने वाली नहीं है। अभी एक दो दिन तक भले ही बूंदाबांदी थम जाए लेकिन बादलों की आवाजाही तो बनी रहेगी।

अप-डाउन का बना रहा सिलसिला

ख्ब् घंटे में अधिकतम तापमान ब्.क् डिग्री गिरकर ख्7.ख् से ख्फ्.क् व न्यूनतम तापमान क्.ख् डिग्री गिरकर क्8.7 से क्7.भ् डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। अधिकतम आ‌र्द्रता का स्तर 9ख् से 9म् व न्यूनतम स्तर ब्8 से 9क् फीसद हो गया। बीते पांच दिनों में तापमान की चाल परेशान करने वाली थी। क्क् मार्च को अधिकतम तापमान ख्9.9 डिग्री सेल्यिस था। वहीं न्यूनतम तापमान क्ख्.0 रहा। क्ख् मार्च फ्0.9 और क्ख्.8, क्फ् मार्च को फ्ख्.9 और क्म्.भ्, क्ब् मार्च को ख्7.ख् और क्8.7, क्भ् मार्च को मैक्सिमम टेपरेचर ख्फ्.क् डिग्री सेल्यिस और मिनिमम टेम्परेचर क्7.भ् डिग्री सेल्यिस था।

संडे नहीं बना फन डे

छह दिन के इंतजार के बाद संडे आया था। सर्विस या बिजनेस करने वाले इस दिन का खासतौर पर इंतजार कर रहे थे। किसी ने फैमिली के साथ घूमने-फिरने का प्लैन किया था तो किसी का दोस्तों के साथ मस्ती करने का मूड था। सुबह नींद खुली तो तेज हवाएं मौसम के खराब मूड का एहसास कराने लगे थे। वक्त बीतने के साथ बारिश की बूंदे गिरने लगीं तो हर किसी का मूड खराब हो गया। उम्मीद थी कि दिन चढ़ने के बाद बारिश थम जाए लेकिन ऐसा हुआ नहीं। दोपहर बीती, शाम हुई फिर रात लेकिन बारिश होती ही रही। कभी तेज तो कभी धीरे, कभी थोड़े वक्त के लिए रुकीं तो कभी देर तक शुरू रही। हर किसी का प्लैन बिगड़ चुका था। ज्यादातर लोगों ने घर के अंदर ही संडे गुजारा। बाहर वही निकले जिनकी कोई मजबूरी थी। बारिश की वजह से पूरा शहर कीचड़ में सना रहा। खुदी सड़कों पर जगह-जगह जमा मिट्टी ने कीचड़ की शक्ल ले लिया। इसकी वजह से रोड पर चलने वाले फिसले और चोटिल भी हुए हैं।

निकल गये गर्म कपड़े

होली के बाद गर्म कपड़े सहेजकर आलमारी, बक्सों में रख दिये गये थे। बरसात के दौरान तेज वहा से तापमान गिरा तो हर किसी ठण्ड से सिहर गया। लोगों को गर्म कपड़ों की जरूरत महसूस होने लगी। किसी ने विंडचीटर निकालकर खुद को राहत दी, किसी ने जैकेट तो किसी ने स्वेटर से खुद को गर्मी दी। बच्चों को तो खासतौर पर सहेजना पड़ा। एक पखवारे में दो बार मौसम झटका दे चुका है। इससे हर कोई डरा हुआ है। न जाने मौसम का मिजाज बिगड़ जाए और गर्म कपड़ों की जरूरत महसूस होने लगे। अब तो गर्म कपड़ों को वापस आलमारी में रखने से पहले कई बार सोचना पड़ेगा।

हर तरफ हुआ नुकसान

बारिश ने सिर्फ लोगों को संडे बर्बाद नहीं किया इसकी वजह से चौतरफा नुकसान हुआ है। बारिश की बूदों के गेहूं की फसल को काफी नुकसान हुआ है। बूदों से जमीन फसल की जड़ें कमजोर पड़ गयीं। इस दौरान चल रही तेज हवा से लेट गयीं। भले ही मौसम कुछ दिनों बाद ठीक हो जाए लेकिन फसल के नुकसान की भरपाई नहीं हो पाएगी। इसके साथ ही सब्जियों को भी नुकसान हुआ है। बारिश की वजह से लोगों को महंगाई का सामना करना पड़ेगा। सब्जियों के रेट में इजाफा तय है। आम की फसल भी प्रभावित हो रही है। पेड़ों पर लगे बौर गिर रहे हैं।

Posted By: Inextlive