भैंसाली बस अड्डे का एमडीए ने रुकवाया काम
- सचिव के आदेश पर पहुंची टीम
- एनजीटी में नहीं दिया रोडवेज ने अपना रिप्रजेंटेशन - कमिश्नर के निर्देश पर कार्रवाई, एमडीए उपाध्यक्ष के समक्ष रखना होगा पक्ष मेरठ: भैंसाली बस अड्डे का निर्माण कार्य गुरुवार को पहुंची एमडीए की टीम ने रुकवा दिया। गत दिनों नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने मेरठ के भैंसाली और सोहराबगेट बस अड्डों की शिफ्टिंग के संबंध में अहम फैसला देते हुए मेरठ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष को अधिकृत किया था कि वे सभी पक्षों को सुनें। हो रहा था बाउंड्री का निर्माणसचिव राजकुमार के निर्देश पर भैंसाली बस अड्डा पहुंचे जोन ए के प्रभारी करनवीर सिंह ने टीम के साथ बाउंड्री के निर्माण कार्य को रुकवा दिया है। सचिव ने बताया कि बस अड्डा शिफ्टिंग को लेकर एनजीटी में पहले एक मुकदमा चल रहा है, जिस पर एनजीटी ने एमडीए को तथ्यों के परीक्षण के लिए नामित किया है।
एनजीटी में जनहित याचिकासामाजिक कार्यकर्ता लोकेश खुराना की ओर से मेरठ के बस अड्डों को शिफ्ट करने के लिए एक जनहित याचिका एनजीटी में दाखिल की गई थी। एनजीटी ने बस अड्डों के शिफ्टिंग के आदेश से पहले विभिन्न विभागों समेत एमडीए और रोडवेज को अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए थे साथ ही एमडीए उपाध्यक्ष को रोडवेज की ओर से दिए जाने वाले रिप्रजेंटेशन के लिए नामित किया था। रोडवेज ने एमडीए उपाध्यक्ष के समक्ष अपना पक्ष रखने के बजाय निर्माण आरंभ कर दिया। यह निर्माण भी प्राधिकरण की मंजूरी के बिना हो रहा था।
कमिश्नर के निर्देश पर हालांकि गत दिनों रोडवेज कमिश्नर कार्यालय में जाकर भैंसाली बस अड्डे के सौंदर्यीकरण की योजना पर रिप्रजेन्टेशन दे आया था। सचिव द्वारा जानकारी दिए जाने पर कमिश्नर ने रोडवेज के रिप्रजेन्टेशन को मान लेते हुए प्राधिकरण को निर्देश दिए कि वे मौका-मुआयना करें। शासन ने दिए 5 करोड़ रीजनल मैनेजर रोडवेज एसके बनर्जी ने बताया कि भैंसाली बस अड्डे के सौंदर्यीकरण, बस अड्डे का लेवल ऊंचा करने और यात्री शेड बनाने के लिए सरकार की ओर से 5 करोड़ की योजना मंजूर हुई है। 2.5 करोड़ रुपये रिलीज भी कर दिया गया है। 7 जुलाई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस योजना का शिलान्यास किया था। --- एनजीटी के निर्देशों का अनुपालन रोडवेज ने नहीं किया है। बस अड्डे की शिफ्टिंग के लिए एमडीए उपाध्यक्ष के समक्ष रिप्रजेंटेशन के बिना निर्माण अवैध है। राजकुमार, सचिव, एमडीए ---साइट पर प्राधिकरण के अधिकारियों ने हाईकोर्ट और एनजीटी के आर्डर का जिक्र करते हुए काम रुकवा दिया। हालांकि वे आर्डर की कॉपी ने नहीं दे पाए।
एसके बनर्जी, आरएम, रोडवेज