- हॉस्टल स्टूडेंट्स की घटना के बाद सहमे हुए हैं स्टूडेंट्स

- कैंपस से लेकर कैंटीन तक में कम नजर आ रहे स्टूडेंट्स

- अगले महीने से एग्जाम की तैयारी, नहीं पूरी अभी कई प्रैक्टिकल्स

LUCKNOW: एक तो कोर्स नहीं कम्पलीट उस पर एलयू में तो जाने में डर ही लग रहा है। अगले महीने से एग्जाम भी होने वाले हैं। पता नहीं कैसे तैयारी पूरी होगी। यह कहना है लखनऊ यूनिवर्सिटी में आने वाले स्टूडेंट्स का। कैम्पस में खराब माहौल को देखते हुए यहां के स्टूडेंट्स ही नहीं कर्मचारी भी सहमे हुए हैं। ऐसे में जहां स्टूडेंट्स एग्जाम की तैयारियों को लेकर चिंतित हैं, वहीं स्टाफ एग्जाम की तैयारियों को लेकर फिक्रमंद है।

मेरे पैरेंट्स ने रोक दिया

बीते दो दिनों से कैम्पस में गिने-चुने ही स्टूडेंट्स नजर आ रहे हैं। कर्मचारी भी कम ही दिखाई दे रहे हैं। बीए की स्टूडेंट्स श्वेता सिंह ने बताया कि न्यूज पेपर देखने के बाद तो मेरे पैरेंट्स ने कैम्पस जाने से ही रोक दिया है। अगले महीने से हमारे एग्जाम्स होने हैं। सेशन लेट होने से हमारा कोर्स अभी तक इनकम्पलीट है।

तैयार नहीं हो पाई हैं फाइल्स

बीकॉम स्टूडेंट अमित श्रीवास्तव ने बताया कि कोर्स पूरा ना होने पर यह मन बनाया था कि कैम्पस में लायब्रेरी से बुक्स निकाल कर तैयारी कर लूंगा, लेकिन इस समय तो कैम्पस जाने में भी डर लग रहा है। कब-कहां मारपीट हो जाए और फायरिंग होने लगे, कुछ भी नहीं कहा जा सकता। बीएससी के अनूप तिवारी के अनुसार प्रैक्टिकल्स अधूरे पड़े हैं। फाइल्स तैयार नहीं हो पाई है। कैम्पस छावनी में बदल गया है, उसके बावजूद वहां जाने में डर लगता है।

अभी वक्त लगेगा

प्रोफेसर्स में इस बात की चर्चा है कि ऐसे माहौल में भला क्या पढ़ाई होगी। हम तो टीचर्स हैं, कोई सीमा के जवान नहीं जो यहां पर स्टूडेंट्स से लोहा लेते फिरेंगे। एलयू प्रशासन की मानें तो चंद स्टूडेंट्स अपने लाभ के लिए यहां के माहौल को खराब करने में जुटे हैं। कर्मचारियों ने बताया कि यहां पर शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए फोर्स तो तैनात कर दी गई है, लेकिन कैम्पस के बिगड़ चुके माहौल को ठीक होने में वक्त लगेगा।

यहां पर स्टडी के लिए आने वाले ब्वॉयज और ग‌र्ल्स पर माहौल का कोई असर नहीं पड़ेगा। यहां का माहौल अब सामान्य हो चुका है।

- प्रो। मनोज दीक्षित

प्रॉक्टर, लखनऊ यूनिवर्सिटी

खाली पड़ी कैंटीन

छात्रसंघ की कैंटीन हो या फिर गेट नंबर एक के पास बनी कैंटीन सभी जगह सन्नाटा बिखरा हुआ है। जिन जगहों पर स्टूडेंट्स बैठकर दिन भर गप्पे लड़ाते दिखते थे, वहीं इस समय यहां बैठने वालों की संख्या कम हो गई है। ऐसा ही हाल अशोक वाटिका के पास बनी दोनों कैंटीन का भी है। साइंस फैकल्टी के पास बनी कैंटीन में स्टूडेंट्स नदारद दिखे।

Posted By: Inextlive