National Population Register केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को नेशनल पॉपुलेशन रजिस्‍टर को अपडेट करने के लिए 8500 करोड़ रुपये से अधिक की मंजूरी दे दी।


नई दिल्ली (पीटीआई)। National Population Register को अपडेट करने के लिए होने वाले खर्च को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अपनी मंजूरी दे दी है। अगले साल अप्रेल से शुरू होने वाली इस प्रक्रिया के लिए 8500 करोड़ रुपए से अधिक मंजूर किए गए हैं।क्या है एनपीआरएनपीआर देश के 'सामान्‍य निवासियों' की एक सूची है। एक 'सामान्य निवासी' को NPR के लिए इस तरह से परिभाषित किया गया है, जो पिछले छह महीने या उससे अधिक समय के लिए किसी क्षेत्र में रह रहा है या एक व्यक्ति जो अगले छह महीने या उससे अधिक समय तक उस क्षेत्र में निवास करने का इरादा रखता है।असम को छोड़कर सभी राज्‍यों के डेटा से अपडेट होगा एनपीआर
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के लिए डेटा को भारत की जनगणना 2011 के हाउस-लिस्टिंग चरण के साथ 2010 में एकत्र किया गया था। 2015 में डोर-टू-डोर सर्वे करके डेटा को अपडेट किया गया था। अपडेटेड जानकारी को डिजिटाइज किया जा चुका है। अब रजिस्ट्रार जनरल, और जनगणना कार्यालय की वेबसाइट के अनुसार, असम को छोड़कर सभी राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में अप्रैल से सितंबर 2020 के दौरान जनगणना 2021 की हाउस-लिस्टिंग चरण के साथ राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को अपडेट करने का निर्णय लिया गया है। इस आशय की एक गजट अधिसूचना इस साल अगस्त में जारी की गई थी।CAA पर पीएम मोदी बोले राजनीतिक दल फैला रहें अफवाह, रैली में दिल्ली सरकार समेत विपक्षी दलों को लगाई फटकारNPR में पंजीकरण अनिवार्यनागरिकता अधिनियम 1955 और नागरिकता (नागरिकों का पंजीकरण और राष्ट्रीय पहचान पत्र जारी करना) नियम, 2003 के प्रावधानों के तहत स्थानीय (गांव/ उप-टाउन), उप-जिला, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर एनपीआर तैयार किया जाएगा। भारत के प्रत्येक सामान्य निवासी के लिए एनपीआर में पंजीकरण कराना अनिवार्य है। एनपीआर का उद्देश्य देश में हर सामान्य निवासी का एक व्यापक पहचान डेटाबेस तैयार करना है। डेटाबेस में जनसांख्यिकीय के साथ-साथ बॉयोमीट्रिक विवरण शामिल होंगे।

Posted By: Mukul Kumar