रियल एस्टेट रेग्युलेशन एंड डेवलपमेंट बिल 2015 को कल राज्य सभा की प्रवर समिति की सिफारिशों के अनुरूप मंजूरी मिल गई है। जिससे इस बिल को अब संसद के शीतकालीन सत्र में बिल को पास कराने का प्रयास किया जा रहा है। इस बिल से से रियल एस्टेट सेक्टर में काफी बदलाव देखने को मिलेंगे। इसमें धोखाधड़ी करने वाले बिल्‍डरों को 3 साल तक की सजा भी हो सकती है।


बदलाव देखने को मिलेंगेजानकारी के मुताबिक रियल एस्टेट (रेग्युलेशन एंड डेवलपमेंट)बिल 2015 को कल राज्य सभा की प्रवर समिति की सिफारिशों के अनुरूप मंजूर हो गया है।  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। इसके बाद अब इस विधेयक को संसद में पेश किए जाने की तैयारी है। जिससे इसके वहां पर पास होने बाद लागू किया जाएगा। यह बिल लागू होने के बाद रियल एस्टेट में काफी बदलाव देखने को मिलेंगे। इसमें हितों की रक्षा और भू-संपदा से जुड़े लेन-देन को भी पारदर्शी बनाने का प्रयास किया गया है। यानि की बिल, 2015 के आने बाद रियल एस्टेट सेक्टर की तस्वीर काफी बदल जाएगी। बिल्डरों की तानाशाही और चालाकी पर भी शिकंजा लगेगा। पैसा दूसरे प्रोजेक्ट में नहीं
सबसे खास बात तो यह है कि इसमें प्रोजेक्ट की 70 फीसदी लागत बिल्डरों को निलंबित खाते में डालने का विवादित प्रावधान भी है। वहीं इस बिल में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि खरीददारों का पैसा बिल्डर दूसरे प्रोजेक्ट में नहीं लगा सकेंगे। अगर कोई बिल्डर खरीददार के साथ धोखा करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाई होगी। उसे 3 साल तक की सजा भी हो सकती है। बिल्डर या डेवलपर के खिलाफ सुनवाई करने के लिए रियल स्टेट रेग्युलेटर का गठन भी होगा। उसके पास जुर्माना लगाने का अधिकार भी होगा। यह रेग्लेटर हर राज्य में होगा।

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Posted By: Shweta Mishra