स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस को लेकर की गई अनियमितता

-विभागों के नाकारेपन से लग गई 124 करोड़ की चपत

-वन विभाग और सिडकुल सबसे बड़े डिफॉल्टर

DEHRADUN:

सूबे के सरकारी विभागों के नाकारेपन की वजह से सरकारी राजस्व को हर साल करोड़ों की चपत लग रही है। हाल ही में जारी कैग रिपोर्ट में ऐसे कई मामलों का खुलासा हो चुका है, जिन्हें दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट लगातार आपको बता रहा है। कैग की रिपोर्ट में एक और खुलासा हुआ है। इसके मुताबिक राज्य के अलग-अलग सरकारी विभागों ने स्टांप ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क यानी रजिस्ट्रेशन फीस में भारी अनियमितताएं की हैं। इनकी वजह से सरकारी राजस्व को क्ख्ब् करोड़ का चूना लगा है। सिडकुल और वन विभाग के अलावा दूसरे तमाम सरकारी विभागों ने स्टांप ड्यूटी के मद में सरकार के राजस्व को क्08.ख्भ् करोड़ का चूना लगा डाला।

सिडकुल की कारस्तानी

वित्तीय अनियमितताएं करने वाले विभागों में राज्य का वन विभाग और सिडकुल (स्टेट इंफ्रास्ट्रक्चर एंड इंडस्ट्रियिल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ उत्तराखंड लिमिटेड) सबसे आगे रहे हैं। कैग की रिपोर्ट में इन दोनों विभागों को सबसे बड़ा डिफॉल्टर माना गया है। इन दोनों ही विभागों ने स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस वसूलने में भारी लापरवाही की, जिस वजह से राजस्व को करोड़ों की चपत लगी है। हाल ही में विधानसभा के पटल पर रखी गई कैग की रिपोर्ट में बताया गया है कि सिडकुल ने राज्य में ख्7 संपत्तियों को 90-90 साल की लीज पर दिया। ये संपत्तियां पिछले पांच साल में लीज पर दी गईं और सिडकुल ने इनसे सिर्फ क्0.फ्क् करोड़ की ही स्टांप ड्यूटी ली, जबकि ये करीब ख्क्.ब्8 करोड़ वसूली जानी चाहिए थी। यानि सिडकुल ने आधी से भी कम स्टांप ड्यूटी ली।

वन विभाग सबसे बड़ा डिफॉल्टर

कैग रिपोर्ट में वन विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर कई तरह के सवाल उठाए गए हैं। वन विभाग ने भी पूरी स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस न लेकर सरकारी राजस्व को करोड़ों की चपत लगा दी। उत्तराखंड फॉरेस्ट डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (यूएफडीसी) ने वर्ष ख्0क्क् से ख्0क्भ् तक क्, क्8म्.07 करोड़ की लकड़ी बिना स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस लिए बेच डाली। नैनीताल और नरेंद्रनगर के रिकॉर्ड खंगालने पर ये बात सामने आई कि टिंबर और राल बेचने में क्.8 करोड़ की स्टांप ड्यूटी में अनियमितता की गई। नैनीताल और नरेंद्रनगर में पिछले पांच सालों में फ्8ख्.7फ् करोड़ के राल की बोली लगाई गई जिसमें 7.फ्ब् करोड़ की ही स्टांप ड्यूटी ली गई, जबकि वसूली जानी चाहिए थी क्भ्.70 करोड़ की स्टांप ड्यूटी। यानि आधी कीमत का घपला कर दिया गया।

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इस कदर की गई अनियमितता

-क्, क्8म्.07 करोड़ की लकड़ी वन विभाग ने बिना स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस लिए बेच डाली

-फ्8ख्.7फ् करोड़ का राल नैनीताल और नरेंद्रनगर में बेचा गया

-क्भ्.70 करोड़ की स्टांप ड्यूटी राल से ली जानी चाहिए थी

-7.फ्ब् करोड़ की ही स्टांप ड्यूटी ली गई

-ख्7 संपत्तियों को 90-90 साल की लीज पर दिया सिडकुल ने

-ख्क्.ब्8 करोड़ स्टांप ड्यूटी वसूली जानी चाहिए थी लीज से

-क्0.फ्क् करोड़ की ही स्टांप ड्यूटी ली सिडकुल ने

-क्08.ख्भ् करोड़ का चूना लगाया दूसरे विभागों ने स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस में

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ये रिपोर्ट ख्0क्भ्-क्म् की है। हमने कैग की रिपोर्ट में चिन्हित मामलो को गंभीरता से लिया है। इस विषय में क्या कुछ किया जा सकता है, इस पर विचार किया जाएगा। फिर हाल अब इस तरह की अनियमितताएं सामने न आयें इस दिशा में गंभीर प्रयास होंगे।

प्रकाश पंत

वित्त मंत्री

Posted By: Inextlive