वर्ष 2013 में मुंबई में इंडियन नेवी की अग्रिम पंक्ति की पनडुब्बी सिंधुरक्षक में विस्फोट टारपीडो से आक्सीजन लीक होने की वजह से हुआ था। संसद में शनिवार को पेश की गई नियंत्रक एवं महाले उपरीक्षक सीएजी की रिपोर्ट में उस भीषण दुर्घटना के कारणों को उजागर किया है। 14 अगस्त 2013 को हुए विस्फोट के बाद पनडुब्बी डूब गई थी। नौसेना के इतिहास में यह सबसे बड़ी दुर्घटना थी जिसमें 17 नौसैनिक मारे गए थे।


आक्सीजन लीक होना माना गयासीएजी ने नौसेना की उच्चस्तरीय जांच रिपोर्ट का हवाला दिया है। सीएजी ने कहा है, 'वैज्ञानिक विश्लेषण और गंम्भीरतापूर्वक विचार करने के बाद फरवरी 2014 में दुर्घटना का प्रारंम्भिक कारण टारपीडो से आक्सीजन लीक होना माना गया था। आक्सीजन लास्क या उसके सहयोगी पाइप लाइन में विफलता के कारण ही आक्सीजन लीक हुआ होगा।'कड़ाई से पालन करने की जरूरत
रिपोर्ट में कहा गया है कि पनडुब्बी को तैनात करने की तैयारी में तय से कम समय लगाया गया था। दो सप्ताह का काम एक सप्ताह में ही पूरा कर लिया गया था। सीएजी ने कहा है कि बोर्ड आफ इन्क्वायरी द्वारा की गई अधिकांश सिफारिशों में मानक संचालन प्रक्रिया का कड़ाई से पालन करने की जरूरत पर जोर दिया गया है। सीएजी ने कहा है कि 2007-8 और 2015-16 के दौरान नौसेना के पोत और पनडुब्बियों के साथ 38 दुर्घटनाएं हुई।

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Posted By: Shweta Mishra