यदि सरकार ने ट्राई की सिफारिशें मान लीं तो आने वाले टाइम में मोबाइल पर बात करना 50 फीसदी तक महंगा हो सकता है. दरअसल स्‍पेक्‍ट्रम नीलामी के लिए ट्राई ने 2008 में अदा की गई कीमतों में 11 गुना बढ़ोतरी की सिफारिश की है.


दो साल में दोगुने हुए कॉल रेटभारती एयरटेल, वोडाफोन सहित कई कंपनियों का कहना है कि ट्राई की सिफारिशों पर नीलामी के बाद कॉल करना और मैसेज कीमतों में बढ़ोती करनी ही पड़ेगी. इन कंपनियों की लाइसेंस अवधि 2014 में खत्म हो रही है. पिछले दो सालों में मोबाइल कॉल रेट दुगनी हो चुकी हैं. इस समय कॉल रेट 90 पैसे से लेकर 1.20 रुपये प्रति मिनट तक हैं.नीलामी कीमतों को लेकर मतभेदकंपनियों का कहना है कि टूजी स्पेक्ट्रम की नीलामी का बेस प्राइज 2001 में तय की गई कीमत 1650 करोड़ रुपये होनी चाहिए. वहीं कुछ कंपनियां मार्च में हुई नीलामी की बेस प्राइज में 84 फीसदी तक कमी की बात कह रही हैं. जबकि रिलायंस जैसी कंपनियों ने स्पेक्ट्रम कीमतों में किसी भी तरह की कमी का विरोध किया है. उनका कहना है कि पिछली नीलामी के बेस प्राइज पर ही नीलामी होनी चाहिए.

Posted By: Satyendra Kumar Singh