- कपड़ों में रेट के टैग के साथ लिखा फ्री तिब्बत का नारा

- टैग में लिखा तिब्बत की आजादी, भारत की सुरक्षा का नारा

-मेरठ के सूरजकुंड मार्केट में लगा तिब्बती मार्केट

-चीन के बढ़ते दखल से तिब्बती कारोबारियों में बढ़ रही चिंता

- तिब्बत के हालातों के बारे में भारतीयों को अवगत करा रहे तिब्बती कारोबारी

Meerut । तिब्बत पर चीन के बढ़ते प्रभाव को लेकर तिब्बती नागरिक खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। तिब्बत के क्षेत्र में चीनी सरकार के बढ़ते दखल से परेशान तिब्बत शरणार्थी अब भारत में कपड़ों के व्यापार के बहाने अपने हालातों की भी चर्चा कर रहे हैं। मेरठ के सूरजकुंड पार्क में लगे तिब्बत मार्केट में गर्म कपड़ों की बिक्री के साथ तिब्बत के अंदरूनी हालातों पर भी खुलकर चर्चा कर रहे हैं।

तिब्बत की आजादी, भारत की सुरक्षा

हर साल सर्दी में मेरठ में तिब्बत के व्यापारी मेरठ के सूरजकुंड मार्केट में स्वेटर और जैकेट की मार्केट लगाते हैं। इस बार गर्म कपड़ों में तिब्बती की आजादी संबंधी टैग लगा कर बेचे जा रहे हैं। जिसमें साफतौर पर स्लोगन लिखा है कि तिब्बत की आजादी से ही भारत की सुरक्षा सुनिश्चित है। तिब्बत मार्केट के संचालक टी दोरजी बताते हैं कि तिब्बत में चीन के बढ़ते दखल से तिब्बतियों की मुश्किलों को बढ़ा दिया है। चीन की दमनकारी नीतियां हमारी संस्कृति पर ही हमला कर रही है।

भारतीय हों जागरूक

तिब्बत मार्केट में मिलने वाले सभी कपड़ों में रेट के टैग के साथ इंडो-तिब्बत फ्रेंडशिप का भी संदेश दे रहे हैं। रेट के टैग के साथ भारत और तिब्बत के झंडे के साथ फ्री तिब्बत का भी नारा लिखा है। आईटीबीपी के सेवानिवृत्त मेजर टी दोरजी कहते हैं कि भारत और तिब्बत की सदियों पुरानी धार्मिक मित्रता है। तिब्बत में मौजूद बौद्ध धर्म भी भारतीयों की देन है। इस लिहाज से भारत के साथ तिब्बत का महत्वपूर्ण संबंध है।

रीति रिवाज कुचल रहा चीन

तिब्बत के नागरिक फ्री तिब्बत का नारा भी बुलंद कर रहे हैं। तिब्बत मार्केट के दुकानदारों का कहना है कि तिब्बत में चीन हमारे रीति रिवाजों को ही कुचल रहा है। यही नहीं चीन हमारी धार्मिक संस्कृति को ही कुचलना चाहता है। इससे तिब्बती नागरिक मुश्किलों से जूझ रहे हैं। इसका पुरजोर विरोध बौद्ध धर्म गुरू दलाईलामा भी कर रहे हैं। तिब्बती मार्केट के संचालक टी दोरजी कहते हैं अब तिब्बती कपड़ों के टैग में लिखे शब्दों के माध्यम से हम भारतीयों को तिब्बत के हालातों के बारे में बताना है।

तिब्बत के लिए भी आवाज उठाएं भारतीय

तिब्बती नागरिकों का दर्द है कि सर्दियों के दिनों में तो वे देशभर के विभिन्न जगहों में कपड़ों का व्यापार करते हैं। पर आमतौर पर भारतीय तिब्बत के दुर्गम हालातों को लेकर अनभिज्ञ भी रहते हैं। टी दोरजी बताते हैं कि टैग में लिखे शब्दों के माध्यम से कुछ लोग ही सही लेकिन इस बारे में पूछते जरूर है। इसके बाद हम उन्हें तिब्बत के हालातों के बारे में बताते हैं। लिहाजा भारतीयों को तिब्बत के हालातों के बारे में जानकारी हो जाती है। तिब्बती नागरिकों की सुरक्षा और संरक्षा के लिए भारतीयों को आवाज उठाना चाहिए। क्योंकि जब तिब्बत की आजादी होगी। तभी भारत भी सुरक्षित रह पाएगा। क्योंकि चीन का दखल तिब्बत पर इन दिनों काफी बढ़ रहा है। जो भारत की सुरक्षा की दृष्टि से भी काफी चिंता का विषय है।

Posted By: Inextlive