जागृति विहार केस के बाद चेते विभाग, एसपी क्राइम ने किया ट्रेनिंग सेंटर का निरीक्षण

शेल्टर्स में रह रहे किशोर-किशोरियों के अलावा हर जरूरतमंद को ट्रेंड करना उद्देश्य

Meerut. जागृति विहार जैसे केस समाज के लिए नासूर हैं तो वहीं एक बात साफ है कि सिस्टम ने भी संजीदगी नहीं दिखाई थी. गौरतलब है कि बीते वर्ष महिला एवं बाल विकास विभाग, नेशनल स्किल डेवलेपमेंट कॉरपोरेशन और गृह विभाग के बीच 12 मई 2018 को एक मोमेरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) पर साइन हुए थे. शर्तो के मुताबिक प्रोबेशन विभाग द्वारा एक ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट का संचालन होना था. जिसमें राजकीय बाल संरक्षण गृह, राजकीय संप्रेक्षण गृह (किशोर), नारी निकेतन, पश्चातवर्ती देखरेख संगठन समेत विभिन्न संस्थाओं द्वारा संचालित शेल्टर होम, एनजीओ द्वारा संचालित आश्रय घर और समाज में रहे रहे निराश्रित, बेसहारा और गरीब किशोर-किशोरियों को रोजगार से जोड़ने के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम संचालित होने थे. बावजूद इसके, एक साल बीतने के बाद स्थिति जस की तस है.

अब आई याद

मंगलवार को एसपी क्राइम डॉ. बीपी अशोक ने संरक्षण गृह पहुंचकर ट्रेनिंग सेंटर का निरीक्षण किया और जल्द ट्रेनिंग प्रोग्राम के संचालन के निर्देश दिए. बता दें कि इस ट्रेनिंग सेंटर की निगरानी को लेकर एक कमेटी का गठन किया गया है जिसमें पदेन डीएम अध्यक्ष हैं जबकि पदेन एसएसपी सदस्य हैं. जिला प्रोबेशन अधिकारी इस कमेटी के सचिव हैं. एनएसडीए के नामित अधिकारी, आपकी सखी आशा ज्योति केंद्र की सेंटर मैनेजर और सेंटर हेड को कमेटी का सदस्य बनाया गया है.

नहीं हुआ ट्रेनिंग प्रोग्राम का संचालन

दरअसल, इस ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना तो गत दिनों जिला प्रोबेशन विभाग ने कर दी किंतु ट्रेनिंग प्रोग्राम का संचालन नहीं हुआ. सूरजकुंड स्थित राजकीय बाल संरक्षण गृह में संचालित ट्रेनिंग प्रोग्राम की जानकारी यदि 'दुर्गा और देवी' को होती तो वे दरिंदे के जाल में न फंसती. एनएसडीसी के सहयोग से प्रदेश सरकार ने प्रदेश के 10 जनपदों मेरठ, मथुरा, वाराणसी, प्रयागराज, कानपुर, लखनऊ, गाजियाबाद, नोएडा और बरेली में ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना कराई. मेरठ में जिला प्रोबेशन विभाग के संरक्षण में संचालित राजकीय बाल संरक्षण गृह में सेंटर की स्थापना तो की गई किंतु ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू नहीं हुआ. बता दें कि सेंटर में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के निर्देशन में ट्रेनिंग प्रोग्राम का संचालन होना है.

मिलेगी ट्रेनिंग

टेलरिंग (फैशन डिजाइनिंग)

मोबाइल रिपेयरिंग

कम्प्यूटर (सॉफ्टवेयर)

कम्प्यूटर रिपेयरिंग

एनएसडीसी ट्रेनिंग सेंटर का निरीक्षण किया गया है. जल्द ही सेंटर पर ट्रेनिंग प्रोग्राम आरंभ होंगे. प्रोबेशन विभाग, पुलिस की जिम्मेदारी है कि वो वंचित किशोर-किशोरियों को ट्रेनिंग प्रोग्राम का लाभ दिलाएं.

डॉ. बीपी अशोक, एसपी क्राइम

पूर्व में सेंटर की स्थापना की गई थी. यहां ट्रेनिंग प्रोग्राम का संचालन अभी तक क्यों नहीं हो रहा था इसकी जांच की जाएगी. जल्द ही ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू कराए जाएंगे.

शत्रुघन कनौजिया, डीपीओ, मेरठ

Posted By: Lekhchand Singh