-अम्हेड़ा कैनाल पर बिल्डर दिन दहाड़े कर रहा अवैध ब्रिज का निर्माण

-एमडीए और सिंचाई विभाग एक दूसरे के पाले में फेंक रहे गेंद

-जानकारी के बाद भी सिंचाई विभाग मामले पर साध रहा चुप्पी

Meerut। मवाना रोड स्थित जिस अम्हेड़ा कैनाल पर बिल्डर दिनदहाड़े अवैध पुल बनाने में लगा है। उस पर सिंचाई विभाग पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए है। यहां तक कि जानकारी होने के बावजूद भी विभागीय अफसर इस मामले में बात करने को तैयार तक नहीं है। उधर, एमडीए विकास क्षेत्र में हो रहे इस निर्माण से प्राधिकरण अफसर भी हाथ खींचते नजर आ रहे हैं। अफसरों की लापरवाही का आलम यह है कि दोनों विभाग इसको एक दूसरे से जुड़ा प्रकरण बताकर पूरे मामले से पल्ला झाड़ रहे हैं।

अवैध निर्माण का ओवर ब्रिज

मवाना रोड स्थित सैन्य फार्म के पास सिंचाई विभाग का नाला है। इस नाले के एक छोर पर गंगानगर बसा हुआ है, जबकि दूसरा छोर शहर से सटा हुआ बाहरी इलाका है। नाले से सटे इस क्षेत्र में दर्जन भर अवैध कालोनियां डेवलप हो चुकी हैं। यहां के क्षेत्रवासियों की सबसे बड़ी समस्या नाला है। नाले पर कोई पुल न होने के कारण अवैध कालोनियों में रह रहे लोगों के सामने आवागमन की समस्या थी। अब इस समस्या को निस्तारण के लिए नाले पर अवैध रूप से एक पुल तैयार किया जा रहा है। दिन-रात धड़ल्ले से चल रहे इस अवैध पुल के निर्माण के लिए बिल्डर ने इंफ्रास्ट्रक्चर भी डेवलप कर लिया है।

कैनाल पर कब्जा, सिंचाई विभाग चुप

दरअसल, जिस नाले पर अवैध पुल बनाया जा रहा है। वह पुल सिंचाई विभाग का कैनाल है। चौंकाने वाली बात यह है कि जब बिल्डर बेखौफ होकर दिनदहाड़े अवैध पुल डाल रहा है तो सिंचाई ने चुप्पी साध ली है। ऐसा नहीं है कि सिंचाई विभाग के नाले पर अवैध कब्जे का यह पहला प्रकरण है। इससे पूर्व भी मवाना रोड स्थित पेपर इंडस्ट्री द्वारा इन कैनाल के निजी इस्तेमाल होने के मामले सामने आ चुके हैं।

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कद्दावर मंत्री की शह पर बड़ा खेल

दरअसल, इस खेल के पीछे सपा के एक कद्दावर मंत्री का हाथ होना बताया जा रहा है। अवैध कालोनी काट रहे रहे लोगों की मानें तो उन्होंने मिथलेश विहार के लिए नाले से सटा जमीन का एक बड़ा हिस्सा मंत्री के एक करीबी बिल्डर से खरीदा था। इसकी एवज में उन्होंने बिल्डर पर सुविधा के लिए नाले पर पुल डालकर देने की शर्त रखी थी। खरीदारों की शर्त पर बिल्डर ने मंत्री के रसूख के बल पर पूरा पुल खड़ा कर दिया।

अवैध ब्रिज डालने संबंधी मामला एमडीए का नहीं बल्कि सिंचाई विभाग का है। इस संबंध में सिंचाई विभाग के अफसरों से बात की जानी चाहिए।

अजीत त्यागी, प्रभारी जोन डी

मैं बाहर जा रहा हूं। एयरपोर्ट पर हूं। फ्री होकर इस मामले में जानकारी करुंगा। इस संबंध कोई जानकारी मुझे नहीं है।

आरके जैन, एक्सईएन सिंचाई विभाग

प्रकरण मेरे संज्ञान में नहीं है। इसकी जांच कराता हूं। यदि कहीं कोई धांधली है तो तत्काल कार्रवाई कराई जाएगी। इसके साथ ही क्षेत्र में तैनात जेई पर भी दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

राजेश यादव, वीसी एमडीए

Posted By: Inextlive