- सीईई के प्रस्ताव को किया गया निरस्त, नहीं दिया जाएगा कोई काम

- दवा घोटाले में नागफोरम रिपोर्ट हुई निरस्त, नई जांच कमेटी गठित

Meerut : कैंट बोर्ड जनरल हॉस्पिटल की सीनियर डॉक्टर और कैट बोर्ड कार्यालय के चीफ एग्जीक्यूटीव इंजीनियर को अलग-अलग मामलों में कोई राहत नहीं मिली। जहां दवा घोटाले की जांच दोबारा शुरू करने को लेकर डॉक्टर के गले में जांच की हड्डी दोबारा अटक गई है। वहीं इंजीनियर द्वारा सेक्शन का काम दोबारा वापस देने के प्रस्ताव को ठुकराते हुए बोर्ड ने कोई और न काम न देने की बात कहकर मुसीबतें बढ़ा दी हैं।

दवा घोटाले की जांच फिर

कैंट अस्पताल में ब्ख् लाख के दवा घोटाले की जांच एक बार फिर होगी। बोर्ड की बैठक में सभी मेंबर्स की सहमति से नागफोरम कमेटी की रिपोर्ट को निरस्त कर दिया गया है। नई तीन सदस्यीय जांच समिति में आर्मी की ओर से कैंट बोर्ड सदस्य कर्नल सुबोध गर्ग और बोर्ड के मनोनित सदस्यों में ममता गुप्ता व बीना वाधवा समिति के सदस्य हैं। कर्नल सुबोध गर्ग प्रिसाइडिंग ऑफिसर होंगे।

छिपाए गए तथ्य

बोर्ड में नागफोरम रिपोर्ट को निरस्त कर जिस तरह से नई कमेटी का गठन किया गया वो काफी चौंकाने वाला फैसला था। बोर्ड मनोनीत मेंबर कर्नल पूठिया ने इस रिपोर्ट को पढ़ने के बाद कहा कि इस पूरी रिपोर्ट में उन तथ्यों को नजरअंदाज किया गया जो काफी जरूरी थे। लगता है कि आरोपियों को फेवर पहुंचाने की कोशिश की गई। वहीं बोर्ड के अन्य मेंबर्स ने सिर्फ आदमी रिपोर्ट को आधार मानकर किसी निर्णय पर नहीं पहुंचा जा सकता। ऐसे में एक नई कमेटी का गठन किया जाए जिसमें दोबारा से जांच शुरू हो।

तो मिल गई थी क्लीनचिट

गौरतलब है कि वर्ष ख्0क्0 में भ्क्0 बेस वर्कशॉप के असिस्टेंट इंजीनियर को इस घोटाले की जांच सौंपी गई थी। उन्होंने अपनी पूरी जांच रिपोर्ट वर्ष ख्0क्ख् को सौंपी थी। उसके कुछ दिनों के बाद सीबीआई ने स्वत: संज्ञान लेते हुए इस पूरे मामले की जांच की थी। जिसके कुछ महीने के बाद मुख्य आरोपी मानी जा रही डॉ। अनुराधा गुप्ता को क्लीन चिट दी थी। उसके बाद खोली गई नागफोरम की रिपोर्ट में डॉक्टर को राहत मिली थी।

सीईई को नहीं मिली राहत

वहीं चार्जशीटेड सीईई अनुज सिंह को भी किसी भी तरीके से राहत की सांस मिलती नहीं दिखाई दे रही है। उन्होंने बोर्ड में इंजीनियरिंग विभाग में वापस लेने की थी। जो बोर्ड ने नकारते हुए सीईई को एक बड़ा झटका दे दिया है। इस मुद्दे पर काफी देर सदस्यों में बहस होने के बाद यह निर्णय लिया गया है कि जब तक संबंधित इंजीनियर दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं उन्हें जांच अधिकारी के निर्देश पर कार्य से बाहर रखा जाएगा। कागजातों की जांच के लिए पहले ख्ख् नवंबर तक का समय दिया गया था, लेकिन अब जांच अधिकारी ने इसे बढ़ाकर ख्9 नवंबर कर दिया है। इस मामले में एक दिसंबर को लखनऊ कैंट बोर्ड की सीईओ व जांच अधिकारी शोभा गुप्ता सुनवाई करेंगी।

नागफोरम की रिपोर्ट की स्टडी करने के बाद कर्नल पूठिया की ओर से कहा गया है कि इस मामले में कई तथ्यों का नजरअंदाज किया गया है। ऐसे में एक कमेटी बना दी गई है। जो दोबारा जांच करेगी।

- एमए जफर, पीआरओ, कैंट बोर्ड

मैंने अभी तक बोर्ड की प्रोसीडिंग्स को नहीं देखा है। वैसे भी मैं घरेलू फंक्शन में बिजी हूं। इसे पूरा करने के बाद ही कोई स्टैंड ले सकूंगी। इस वक्त मैं कुछ कहने में समर्थ नहीं हूं।

- डॉ। अनुराधा गुप्ता, लेडी आरएमओ, कैंट जनरल हॉस्पिटल

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बॉक्स

क्0फ् करोड़ रुपए के प्रस्ताव तैयार

जेएनएनयूआरएम के अंतर्गत कैंट क्षेत्र की सूरत बदलेगी। बुधवार को कैंट बोर्ड की बैठक में इस योजना के लिए लगभग क्0फ् करोड़ का बजट प्रस्ताव पास कर दिया गया। इसमें सीवर लाइन, पाइप लाइन, मल्टीलेवल पार्किंग और आबू नाले के दोनों ओर दीवार बनाने का काम किया जाएगा। मल्टीलेवल पार्किंग आबू नाले के ऊपर ही बनाया जाएगा। कैंट बोर्ड अध्यक्ष मेजर जनरल सुनील यादव ने बैठक में बताया कि आबू नाले के दोनों ओर मल्टीलेवल पार्किंग बनाने के लिए पर्याप्त जमीन है। जिला प्रशासन के इंजीनियर्स ने भी दोबारा किए गए आंकलन में इस बात पर सहमति जताई है। बैठक में प्रस्ताव पास करने के बोर्ड सदस्यों ने इस पर खुशी जाहिर की है।

वार्ड सात होगा आरक्षित

वर्ष ख्0क्क् जनगणना के अनुसार कैंट बोर्ड के वार्ड सात को इस बार आरक्षित किया जाएगा। आपत्तियों के साथ इसका प्रस्ताव नोटिफिकेशन के लिए निदेशालय भेजा जाएगा। इससे पहले कुछ सदस्यों ने भी इस पर आपत्ति जताई, लेकिन बोर्ड सीईओ ने बताया कि इस मामले में की गई ब्ब् आपत्तियों में अधिकतर में मतगणना पर ही सवाल उठाया गया है जो ठीक नहीं है। इस मामले में आपत्तियों पर कोई सुनवाई नहीं की जा सकती।

अन्य मामले

- कैंट बोर्ड की ओर से खूटा टैक्स क्भ्0 रुपए की बजाय ख्भ्0 रुपए कर दिया गया है।

- कैंट अस्पताल में ट्रॉमा सेंटर बनाने का प्रस्ताव रक्षा संपदा महानिदेशालय भेजा गया है।

- बोर्ड की बैठक में सदस्य बीना वाधवा व अजमल कमाल की ओर से वार्ड दो व तीन में सामुदायिक केंद्र बनाए जाने का प्रस्ताव रखा गया था जिसे बोर्ड की स्वीकृति मिल गई है।

Posted By: Inextlive