स्लो ओवर रेट पर अब कप्तान नहीं होंगे सस्पेंड, नए नियम के तहत पूरी टीम भुगतेगी सजा
लंदन (पीटीआई)। इंटरनेशनल मैचों में अब कोई कप्तान स्लो ओवर रेट के चलते सस्पेंड नहीं किया जाएगा। इसकी जगह आईसीसी ने प्रति ओवर टीम के प्रतिस्पर्धी अंक काटने और पूरी टीम को सजा देने का प्रावधान किया है। ये नया नियम वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के साथ लागू हो जाएगा। जिसकी शुरुआत 1 अगस्त से एशेज सीरीज के साथ हो रही है। बता दें ये चैंपियनशिप 2019 से 2021 तक खेली जाएगी, जो नए नियम के साथ खेला जाएगा।प्रति ओवर काटे जाएंगे 2 अंक
आईसीसी ने एक बयान जारी करते हुए कहा, 'वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप मैचों में जो टीम निर्धारित समय से ओवर खत्म नहीं कर पाएगी, तो मैच के बाद टीम के खाते से प्रति ओवर दो अंक काटे जाएंगे।' बता दें इस चैंपियनशिप के अंतर्गत अगर दो मैचों की सीरीज खेली जाती है तो उसमें जीतने पर 60 अंक मिलेंगे, टाई होने पर 30 और ड्राॅ पर 20 अंक दिए जाएंगे। ऐसे ही तीन मैचों की सीरीज पर जीत में 40 अंक, टाई में 20 अंक और ड्राॅ पर 13.3 अंक दिए जाएंगे। वहीं चार मैचों की सीरीज में जीत पर 30 अंक, टाई पर 15 अंक और ड्राॅ पर 10 अंक दिए जाएंगे। अंत में पांच मैचों की सीरीज में जीत पर 24 अंक, टाई पर 12 अंक और ड्राॅ पर 8 अंक दिए जाएंगे।कप्तान नहीं होंगे सस्पेंडस्लो ओवर रेट में किए गए इन बदलावों से कप्तानों को बड़ी राहत मिली है। नए नियम के तहत कप्तान अगर एक से अधिक बार स्लो ओवर रेट करता पाया गया तो उसे निलंबित नहीं किया जाएगा। इसमें पूरी टीम को दोषी माना जाएगा और सभी पर उतना ही जुर्माना लगाया जाएगा जितना कप्तान पर। अभी तक जो नियम था उसमें एक साल में दो बार स्लो ओवर रेट होने पर कप्तान को सस्पेंड कर दिया जाता था।फिलहाल क्रिकेट नहीं खेलेंगे धोनी, करने जा रहे लेफ्टिनेंट कर्नल की नौकरीICC ने जिंबाब्वे क्रिकेट बोर्ड को किया सस्पेंड, क्रिकेटर्स बोले- अब हो जाएंगे बेरोजगारसब्स्टीट्यूट को लेकर बड़ा बदलाव
स्लो ओवर रेट के अलावा एक और बड़ा बदलाव देखने का मिलने वाला है। मैच के दौरान अब कोई बल्लेबाज चोटिल होता है तो उसे रिटायर्ड हर्ट नहीं किया जाएगा, उसकी जगह अब नया बल्लेबाज बैटिंग कर सकता है। यही रूल गेंदबाज पर भी लागू होगा। चलते मैच में किसी गेंदबाज को गंभीर चोट लगती है और वह फील्ड छोड़कर बाहर चला जाता है तो उसकी जगह नए गेंदबाज को टीम में शामिल कर लिया जाएगा। ये फैसला लंदन में हुई आईसीसी की एनुअल मीटिंग में लिया गया। यह नियम इंटरनेशनल क्रिेकट के सभी पुरुष और महिला मैचों में लागू होगा। साथ ही फर्स्ट क्लाॅस क्रिकेट में भी इसे शामिल किया जाएगा।