RANCHI: अमूमन बिहार और झारखंड के बच्चे प्लस 2 के बाद यदि साइंस से हैं तो इंजीनियरिंग, मेडिकल की ओर रूख करते हैं। अगर कॉमर्स से हैं तो सीए और सीएस की ओर तथा आ‌र्ट्स के अधिकतर बच्चे ट्रेडिशनल ऑनर्स पेपर अडॉप्ट करते हैं। जबकि हाल के दिनों में सभी विषयों के दायरे भी बढ़े हैं और संभावनाएं भी.'साइंस' पृष्ठभूमि के छात्र इंजीनियरिंग मेडिकल के इतर एग्रीकल्चर, फॉरेस्ट्री, एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग, मैथ, केमिस्ट्री, बॉटनी, फिजक्स जैसे विषयों में ऑनर्स करने के बाद आईआईटी और आईआईएससी से एमएससी या आईएसआई, आईएफएस में दाखिले के लक्ष्य लेकर आगे बढ़ें। ये बातें रांची यूनिवर्सिटी में इंग्लिश प्रोफेसर डॉ विनय भरत ने कहीं।

कॉमर्स में सीएस की है डिमांड

वहीं कॉमर्स के छात्र सीए के साथ सीएस पर ज्यादा फोकस करें, क्योंकि आने वाले दिनों में कम्पनियों के फैलाव के साथ सीएस की डिमांड ज्यादा होने वाली है। क्योंकि बाजार में अभी भी जरूरत से एक तिहाई कम ही सीएस उपलब्ध हैं।

आ‌र्ट्स के लिए कई ऑप्शन

आ‌र्ट्स के छात्र के पास इंटर के बाद विस्तृत दायरा है। एक्टिंग से लेकर फाइन आ‌र्ट्स, लॉ से लेकर प्रबंधन तक। ट्रेडिशनल विषयों में दाखिला लेने वाले छात्र शुरू से ही यूपीएससी, स्टेट लेवल सिविल सर्विसेज एसएससी, एनईटी, बीएड आदि को साध कर आगे बढ़ें।

जहां चाह, वहां राह

विषयों को चुनते वक्त छात्रों को अपनी रुचि का विषय चुनना चाहिए और ध्यान में रखना चाहिए कि अगर सरकारी उपक्रमों में नौकरी न भी लगे, तो हम अमुक विषय से कैसे आर्थिक रूप से स्वावलम्बी हो सकते हैं।

Posted By: Inextlive