बैक डेट में पर्चे काटने के खेल पर अब लगेगा अंकुश

-विवेचनाधिकारियों को कम्प्यूटर बैठकर कटवाने होंगे पर्चे

आगरा। पुलिस विभाग को अपडेट करने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। अब तक पुलिस रवानगी, वापसी, मालदाखिला व मुकदमा कम्प्यूटर पर फीड किया जाता रहा है, अब दरोगाओं और इंस्पेक्टरों को मिलने वाली विवेचनाएं भी अपडेट कर कम्प्यूटर में फीड की जा रही है। इस प्रक्रिया में किसी भी तरह की लापरवाही उजागर होने पर अधिकारियों को विवेचक के खिलाफ कार्रवाई का मौका मिल सकेगा।

पीडि़तों को नहीं होगी परेशानी

थानों में इंस्पेक्टर और दरोगाओं को अब तक जो विवेचनाएं मिलती थीं, वह केस डायरी में पर्चे काटकर दर्ज की जाती थीं। पर्चे काटने में हीलाहवाली से पीडि़तों को परेशानी का सामना करना पड़ता था। इसके साथ विवेचना करने वाले दरोगा और इंस्पेक्टर अपनी मनमानी करते थे। कमला नगर चौकी प्रभारी प्रदीप भदौरिया ने बताया कि उपनिरीक्षकों को अपने कार्य में प्रतिदिन की अपडेट दिखानी होगी। इस प्रक्रिया से कार्य में पारदर्शिता रहेगी।

खुले आम घुमते थे आरोपी

दरोगा कार्रवाई से बचने के लिए बैक डेट में अपडेट को दर्ज करते थे। इस तरह के मामलों को पूर्व में बैक डेट में दर्ज करने के कई मामले प्रकाश में रहे। लापरवाही का लाभ मुजरिमों को पहुंचता था, वह खुलेआम घूमकर पीडि़तों पर दबाव बनाते थे। इसके साथ ही विवेचक केस डायरी में कुछ पेज खाली छोड़ दिया करते थे, जिन्हें मनमाने तरीके से इस्तेमाल किया जाता था।

कम्प्यूटर पर कटवाने होंगे पर्चे

विवेचकों को अब केस डायरी में अपडेट बोल-बोल कर पर्चे कटवाने होंगे। इससे पर्चे कटवाने में होने वाली गड़बड़ी पूरी तरह बंद होगी। साथ ही अधिकारियों को गुमराह कर बैक डेट में पर्चे फीड नहीं कर सकेंगे। कम्प्यूटर पर समय और डेट दोनों ही फीड की जाएंगी। न्यायालय में भी उनकी उपस्थिति ससमय दर्ज कराई जाएगी। साथ ही उन्हें केस अपडेट कर रोजाना पर्चे काटने होंगे। यह प्रक्रिया लागू होने पर दरोगा और इंस्पेक्टरों को खासी मश्क्कत करनी होगी, क्योंकि उन्हें रोजाना होमवर्क की तरह कार्य निपटाना होगा।

अधिकारियों को मिलेगा कार्यवाई का मौका

केस डायरी में किसी भी तरह की लापरवाही बरतने वाले दरोगाओं पर अधिकारी कार्यवाई कर सकेंगे। इससे पूर्व केस डायरी में मिलने वाली अपडेट को बैक डेट में दर्ज कर दिया जाता था और अधिकारियों को गुमराह किया जाता था, लेकिन अब लापरवाही सार्वजनिक होने पर उनसे स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। वहीं पीडि़तों के हित में समय से कार्रवाई की जा सकेगी।

थानों में बढ़ेंगे ऑपरेटर

केस डायरी कम्प्यूटरकृत होने से ऑपरेटरों के पसीने छूट रहे हैं। इसके साथ ही थानों में ऑपरेटरों की संख्या में इजाफा किया जा रहा है। ऑपरेटर बोले गए शब्दों का प्रिंट निकालकर विवेचकों को देंगे, जिससे वह कम्प्यूटर में फाइनल फीडि़ंग करने से पहले उसको ठीक तरह से चेक कर सकें। थानों में सब कुछ अब सिस्टम पर ही फीड किया जाएगा। इससे जिस थाने में कम्प्यूटर व उसको ऑपरेट करने वाले पुलिसकर्मियों का अभाव है, इस तरह की अव्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जा रहा है।

थानों में केस डायरी दर्ज करने पर ऑपरेटरों और कम्प्यूटर सिस्टमों की कमी को पूरा किया जाएगा। यह नई प्रक्रिया है, समस्या आने पर अव्यवस्थाओं को दुरुस्त करने का कार्य किया जाएगा।

प्रशांत वर्मा, एसपी सिटी

Posted By: Inextlive