इलाहाबाद विश्वविद्यालय के लॉ डिपार्टमेंट का है फ्रॉड का शिकार छात्र

शिवसेना के प्रधान महासचिव के खिलाफ दर्ज कराया मुकदमा

PRAYAGRAJ: इलाहाबाद विश्वविद्यालय के विधि छात्र कौस्तुभ त्रिपाठी ने शिवसेना उत्तर प्रदेश के महासचिव अरुण पाठक पर नौकरी दिलाने के नाम चार लाख 60 हजार रुपये की ठगी का आरोप लगाया है। कौस्तुभ की तहरीर पर कर्नलगंज पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी हैं। कौस्तुभ ने तहरीर में बताया कि स्नातक की डिग्री उसने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से प्राप्त की हैं। स्नातक करने के दौरान कौस्तुभ का परिचय शिवसेना के प्रधान महासचिव अरुण पाठक से हुआ।

बड़े नेताओं तक है पहुंच

कौस्तुभ का कहना है कि वह गरीब परिवार से हैं। स्नातक की पढ़ाई के लिए उसे रुपयों की आवश्यकता थी। मार्च 2015 में उसने 15 हजार रुपये प्रतिमाह पर अरुण पाठक के यहां नौकरी शुरू कर दी। पुलिस को दी गयी तहरीर में उसने कहा है कि अरुण पाठक की छवि एक कट्टर हिन्दूवादी नेता की है। उसकी पहचान बड़े नेताओं से है। अरुण ने कौस्तुभ को बड़े नेताओं के साथ अपनी फोटो दिखाई और कहने लगा कि तुम्हारी सरकारी नौकरी लगवा दूंगा। कौस्तुभ ने दो वषरें तक अपनी सैलरी नहीं ली। जुलाई 2017 में अरुण पाठक ने कौस्तुभ से कहा कि दो वर्ष का तुम्हारा वेतन तीन लाख 60 हजार रुपये मेरे पास जमा है। एक लाख रुपये की और व्यवस्था कर लो तो ग्राम विकास अधिकारी के पद पर तुम्हारा चयन करवा दूंगा। उसने अरुण पाठक के कहने पर फार्म भरा और कोचिंग के नाम पर घर से एक लाख रुपये लेकर अरुण को दे दिए।

वाराणसी में दर्ज नहीं हुई रिपोर्ट

ग्राम विकास अधिकारी परीक्षा का परिणाम आने के बाद अरुण ने कौस्तुभ से कहा कि तुम्हारी सेटिंग इस परीक्षा में नहीं हो पाई है। रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा से बात कर रेलवे में नौकरी लगवा दूंगा। कौस्तुभ का आरोप कि अरुण पांच लाख रुपये की मांग और कर रहा है। तीन जनवरी 2020 को कौस्तुभ ने चार लाख 60 हजार रुपये मांगे तो अरुण ने जान से मारने की धमकी दी। 19 जनवरी को कौस्तुभ ने भेलूपुर वाराणसी में अरुण के खिलाफ तहरीर दी लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। पुलिस पीडित की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच कर रही है।

Posted By: Inextlive