- सोशल मीडिया पर रखी जा रही निगरानी, लगातार बढ़ रहा क्राइम का ग्राफ

- डिस्ट्रिक्ट में तीन साल में सामने आए 3717 मामले

बरेली : डिस्ट्रिक्ट में तीन साल की तुलना में साल 2019 के अंत तक आ‌र्म्स एक्ट, एनडीपीएस और आईटीएक्ट के मामलों की संख्या में काफी बढ़ोत्तरी हुई है। आईटीएक्ट के तहत सख्ती की जा रही है, ताकि कोई भी खुराफाती सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट अपलोड कर शहर का माहौल खराब न कर सके। इसके बावजूद पुलिस प्रशासन इन अपराध पर अंकुश लगाने में नाकाम साबित हुआ है। यह हम नहीं बता रहे बल्कि डिस्ट्रिक्ट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (डीसीआरबी) के आंकड़े हाईटेक पुलिस की पोल खोल रहे हैं।

साल आ‌र्म्स एक्ट आईटी एक्ट एनडीपीएस एक्ट

2017 857 049 141

2018 698 129 237

2019 1090 264 252

टोटल 2645 442 630

साल 2000 में आया था आईटी एक्ट

आईटी एक्ट सन 2000 में पास किया गया था, मगर उस वक्त विवादास्पद धारा 66(ए) को शामिल नहीं किया था। 2008 में इस एक्ट में संशोधन करके धारा 66(ए) को जोड़ा गया, जोकि फरवरी 2009 में लागू हो गया। यह धारा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज पर आपत्तिजनक कंटेट पोस्ट करने के संबंध में है। इसके तहत दोषियों को तीन साल की जेल या फिर पांच लाख रुपए का जुर्माना या फिर दोनों का प्रावधान है। इसके अलावा ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले आईटी एक्ट में शामिल हैं। डिस्ट्रिक्ट में साल 2017 और 2018 की अपेक्षा 2019 में आईटी एक्ट के 264 मामले सामने आए हैं। जबकि 2017 में 049 और 2018 में 129 के मामले सामने आए थे।

मादक पदार्थो की तस्करी पर रोक

आबकारी और नार्कोटिक्स विभाग पुलिस के सहयोग से डिस्ट्रिक्ट में मादक पदार्थो की तस्करी पर रोक लगाने लिए लगातार सस्पेक्टेड रूट पर चेकिंग अभियान करते हैं। तीन सालों की अपेक्षा 2019 में 252 तस्कर पुलिस की गिरफ्त में आए हैं। जबकि 2017 में 141 और 2018 में 237 तस्कर पकड़े जा चुके हैं। अब तक पुलिस बड़े गिरोह का भंडाफोड़ करने में नाकाम साबित हुई है।

नाबालिग लहराते हैं हथियार

जुलूसों में नाबालिग सरेआम अवैध हथियार लहराकर पुलिस प्रशासन को चुनौती देते हैं। तीन सालों में आईटी एक्ट और एनडीपीएस एक्ट के साथ आ‌र्म्स एक्ट के मामलों में काफी इजाफा हुआ है। बढ़ते अपराध को देख महकमे के अफसरों का कहना है कि हर मामले को दर्ज कर उनकी जांच की जा रही है, जो उनकी बढ़ती संख्या के पीछे एक कारण हो सकता है। साल 2017 व 2018 की तुलना में इस साल 857 आ‌र्म्स एक्ट के मामले सामने आए हैं। इसमें अधिकांश अभियुक्तों को अवैध असलहे, धारदार हथियार के साथ पकड़ा गया है।

वर्जन

पुलिस इन अपराधों को जड़ खत्म करने में जुटी है। पुलिस लोगों पर निगरानी करती है। संदिग्ध को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ करती है। जब उनके पास कुछ मादक पदार्थ, अवैध हथियार पाए जाते हैं तो उन पर केस दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई की जाती है।

रमेश भारतीय, एसपी क्राइम

Posted By: Inextlive