- शहर के आसपास छह जगहों पर बनेंगी कैटल कॉलोनियां

- वीडीए ने दो जगहों पर जमीन की चिह्नित, जल्द शुरू होगा काम

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VARANASI

शहर के पशुपालकों को शिफ्ट करने के लिए वीडीए छह जगहों पर कैटल कॉलोनियां बनाएगा। इसके लिए दो जगहों पर वीडीए ने जमीन भी चिह्नित कर ली है। जबकि अन्य के लिए सर्वे चल रहा है। तबेलों के बाहर जाने से शहर से गंदगी दूर होगी और सीवर जाम होने की समस्या से निजात मिल सकेगी। पशुपालकों को सुविधाएं नगर निगम मुहैया कराएगा। निगम ने पशुपालकों की सूची तैयार कर ली है।

यहां बनेंगी कॉलोनियां

वाराणसी विकास प्राधिकरण के अफसरों के मुताबिक शहर के आसपास के एरिया में कॉलोनियां बनाई जाएंगी। इसमें फुलवरिया, कोटवां, औढ़े, छित्तूपुर, महेशपुर और चोलापुर में कैटल कॉलोनियां बनाने के लिए सर्वे किया गया है। महेशपुर और चोलापुर में जमीन भी करीब-करीब फाइनल हो चुकी है। अन्य जगहों पर भी इसी महीने जमीन चिह्नित होने की उम्मीद है।

शिफ्टिंग कराएगा नगर निगम

पशुपालकों को लिस्टेड करने से लेकर उन्हें कैटल कॉलोनी में शिफ्ट करने और सुविधाएं मुहैया कराने की जिम्मेदारी नगर निगम की होगी। निगम ने पिछले महीने सर्वे करके शहर के 598 पशुपालकों को चिह्नित कर उनका रजिस्ट्रेशन किया था, लेकिन इसके अलावा अवैध रूप से सौ से ज्यादा तबेले अभी भी चल रहे हैं। निगम के अफसरों के मुताबिक कैटल कॉलोनी बनने के बाद करीब एक महीने में पशुपालकों को शिफ्ट कर दिया जाएगा। निगम ने पशुपालकों को नोटिस भी दी है।

फटकार के बाद जागा वीडीए

शहर में तबेलों की वजह से पब्लिक को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। गोबर व गंदगी से कई मोहल्लों में हालत नारकीय हो गए हैं। गोबर की वजह से सीवर प्रॉब्लम भी बनी है। छुट्टा पशुओं के हमले से मौतें तक हो चुकी हैं। इस सम्बंध में हाईकोर्ट में जनहित याचिकाएं दायर की गयी है। कोर्ट ने पशुपालकों को बाहर शिफ्ट करने का आदेश दे रखा है, लेकिन इसमें देरी होने पर कोर्ट ने वीडीए अफसरों को फटकार लगाई है। इसके बाद अफसरों ने कैटल कॉलोनी के जगह चिह्नित करने का काम शुरू किया।

ये होंगे काम

- बाउंड्रीवॉल

- पानी

- बिजली

- सड़क

- ड्रेनेज सिस्टम

एक नजर

- 598 तबेले हैं शहर में

- 100 से ज्यादा अवैध हैं

- 6 जगहों पर बनेगी कैटल कॉलोनी

- 12 जगहों पर हुआ था सर्वे

फ‌र्स्ट फेज में महेशपुर और चोलापुर में कॉलोनियां बनाने का काम शुरू किया जाएगा। सितम्बर तक कॉलोनियां बनकर तैयार हो जाएंगी। पशुओं की संख्या के हिसाब से पशुपालकों को जमीन आवंटित होगी। इसके एवज में शुल्क लिया जाएगा।

राजेश कुमार, उपाध्यक्ष, वीडीए

Posted By: Inextlive