सीबीआई अफसरों पर करोड़ों की रिश्वत लेने का अारोप मामला काफी चर्चा में हैं। सीबीआई के डायरेक्टर और स्पेशल डायरेक्टर ने एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए हैं। वहीं अब डायरेक्टर ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली। जानें सीबीआर्इ के अंदर उठे इस महासंग्राम के बारे में...

कानपुर (एजेंसियां)। देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के शीर्ष अधिकारियों की लड़ाई इन दिनों चर्चा में है। हाल ही में सीबीआई के डायरेक्टर राकेश अस्थाना पर हैदराबाद के सतीश बाबू साना ने रिश्वत लेने का आरोप लगाया था। उन्होंने अपनी शिकायत में कहा था कि राकेश ने धनशोधन के कई मामले में आरोपी मांस व्यापारी मोइन कुरैशी के एक मामले को निपटाने के लिए  करीब 2 करोड़ रुपये की घूस ली है।
स्पेशल डायरेक्टर का अरोप डायरेक्टर आलोक उन्हें फंसा रहे
इस खुलासे के बाद सीबीआई ने स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के खिलाफ रिश्वत लेने का मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। राकेश अस्थाना के अलावा उप पुलिस अधीक्षक देवेंद्र, मनोज प्रसाद और सोमेश्वर प्रसाद का नाम भी इस मामले में शामिल है। मनोज ने भी इस मामले में चौकाने वाला खुलासा किया। वहीं इस मामले में एक नया मोड़ तब अाया जब राकेश अस्थाना ने कहा कि उन्हें डायरेक्टर आलोक वर्मा फंसा रहे हैं।
राकेश अस्थाना आलोक के भ्रष्टाचार का खुलासा कर रहे थे
आलोक कुमार वर्मा अपने आपराध को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। खबरों की मानें तो सीबीआई के डायरेक्टर आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के बीच लंबे समय से तनाव है। राकेश अस्थाना ने काफी समय पहले ही बॉस आलोक पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। बीते अगस्त में कैबिनेट सचिव को पत्र लिखकर आलोक वर्मा के खिलाफ करीब 10 भ्रष्टाचार के मामले गिनाए थे। इसमें करोड़ों की घूस के मामले का भी जिक्र था।

केंद्र सरकार ने डायरेक्टर आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजा

वहीं कल केंद्र सरकार द्वारा डायरेक्टर आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेज दिया गया है। इतना ही नहीं राकेश अस्थाना के खिलाफ लगे घूस लेने के आरोपों की जांच कर रही अालोक वर्मा की टीम के सभी लोगों को हटा दिया गया है। सीबीआई के संयुक्त निदेशक एम नागेश्वर राव को एजेंसी के प्रमुख का पदभार सौंपा गया है। पद संभालने के कुछ घंटों बाद ही एम नागेश्वर राव ने राकेश के खिलाफ रिश्वत लेने के आरोपों की जांच कर रही टीम का पुनर्गठन किया है।

आलोक वर्मा पहुंचे सुप्रीम कोर्ट कल होगी याचिका पर सुनवाई

वहीं आलोक वर्मा लंबी छुट्टी पर भेजे जाने से नाराज है। उन्होंने सरकार के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। कल 26 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में उनकी याचिका पर सुनवाई होगी। आलोक वर्मा को हटाए जाने के फैसले पर विपक्ष सरकार को घेर रही है। विपक्ष का कहना है कि आलोक वर्मा को हटाने के पीछे एक बड़ा कारण है। वह राफेल सौदे के आरोपों में जांच के आदेश देने वाले थे। इसलिए उन्हें हटा दिया गया है।

सरकार बोली सीबीआई की निष्ठा को देखते हुए लिया फैसला

वहीं वित्तमंत्री अरुण जेटली  का कहना है कि जांच एजेंसी की संस्थानिक निष्ठा को बनाए रखने के लिए केंद्रीय सर्तकता आयोग (सीवीसी) की सिफारिश पर यह फैसला लिया गया है। जरूरी है कि एक संस्थान के रूप में सीबीआई की निष्ठा कायम रहे। इस पर किसी तरह का कोई सवाल न उठे। इसलिए  इस मामले की गंभीरता को देखते हुए फिलहाल कुछ अधिकारियों को कुछ समय के लिए बाहर रहना जरूरी है। अगर निर्दोष होंगे तो वे वापस आ जाएंगे।

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Posted By: Shweta Mishra