बसपा सरकार में 21 सरकारी चीनी मिलों की औने-पौने दामों पर बिक्री में हुए करोड़ों रुपये के घोटाले के सुराग तलाशने को सीबीआई ने मंगलवार को गोमतीनगर स्थित पूर्व आईएएस नेतराम और अलीगंज में विनय दुबे के आवास को खंगाला और तमाम संदिग्ध दस्तावेज और संपत्तियों से जुड़े कागजात बरामद किए।


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LUCKNOW : बसपा सरकार में 21 सरकारी चीनी मिलों की औने-पौने दामों पर बिक्री में हुए करोड़ों रुपये के घोटाले के सुराग तलाशने को सीबीआई ने मंगलवार को गोमतीनगर स्थित पूर्व आईएएस नेतराम और अलीगंज में विनय दुबे के आवास को खंगाला और तमाम संदिग्ध दस्तावेज और संपत्तियों से जुड़े कागजात बरामद किए। बसपा सरकार में प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री रहे नेतराम की गिनती कद्दावर अफसरों में की जाती थी और पंचम तल पर होने वाले तमाम अहम फैसलों में उनकी अहम भूमिका होती थी। वहीं विनय प्रिय दुबे चीनी मिलों की बिक्री के दौरान उप्र चीनी निगम के एमडी के पद पर तैनात थे। इसके अलावा सहारनपुर में खनन कारोबारी इकबाल के दोनों पुत्रों और उनके करीबियों के ठिकानों को भी सीबीआई ने खंगाला है। दोनों ने फर्जी कंपनी बनाकर चीनी मिलें खरीदी थी। वहीं गाजियाबाद में धर्मेंद्र गुप्ता के ठिकाने पर भी छापेमारी की गई। सीबीआई ने इस मामले में कुल 14 ठिकानों पर छापे मारे हैं।जांच में मिले अहम सुराग

सीबीआई के सूत्रों की मानें तो चीनी मिल बिक्री घोटाले की जांच में नेतराम और विनय दुबे के खिलाफ तमाम अहम सुराग मिलने के बाद छापेमारी की गयी है। दरअसल बसपा सरकार में उप्र राज्य चीनी निगम लिमिटेड की मिलों के निजीकरण व बिक्री का फैसला लिया गया था। जिसके बाद 21 मिलों को 2010 और 2011 में निजी कंपनियों को सस्ते में बेच दिया गया। इसमें करीब 1100 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच सीबीआई कर रही है। सीबीआई ने विगत 27 अप्रैल को इसका केस दर्ज किया था कर लिया है जिसमें सात लोगों को नामजद किया गया था। सीबीआई ने यह केस सात बंद पड़ी चीनी मिलों को बेचने में हुए घोटाले की जांच सीरियस फ्रॉड इंवेस्टिगेशन आर्गनाईजेशन (एसएफआईओ) की रिपोर्ट के आधार पर किया था जबकि बाकी 14 चीनी मिलों की बिक्री में हुए घोटाले की जांच के लिए छह प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज की थी। ध्यान रहे एसएफआईओ की रिपोर्ट मिलने के बाद प्रदेश सरकार की ओर से राज्य चीनी निगम के एमडी ने इस मामले की एफआईआर राजधानी के गोमतीनगर थाने में दर्ज करायी थी। ये चीनी मिलें देवरिया, बरेली, लक्ष्मीगंज, हरदोई, रामकोला, छितौनी और बाराबंकी में है।पहले भी हुई छापेमारी

विगत 15 मार्च को सीबीआई ने नेतराम के कई ठिकानों पर छापेमारी कर करीब 225 करोड़ रुपये की काली कमाई का पर्दाफाश किया था। इस दौरान उनकी करीब 30 शेल कंपनियों में करोड़ों रुपये के निवेश की जानकारी भी मिली थी जिसमें उनके कई रिश्तेदार डायरेक्टर थे। सीबीआई को इस छापेमारी से ही नेतराम की चीनी मिल बिक्री घोटाले में संलिप्तता के प्रमाण भी मिले थे जिसके बाद दोबारा छापेमारी की कार्रवाई अंजाम दी गयी है। वहीं विनय दुबे के आवास पर भी सीबीआई को तमाम संपत्तियों के दस्तावेज मिले हैं जिनकी जांच की जा रही है।सहारनपुर में भी छापेमारीसीबीआई ने मंगलवार को सहारनपुर में भी छापेमारी की है। सहारनपुर के खनन कारोबारी पूर्व बसपा एमएलसी इकबाल के ठिकानों पर हुई इस छापेमारी में भी चीनी मिल बिक्री घोटाले से जुड़े सबूत जुटाए गये हैं। लखनऊ स्थित सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच से भेजी गयी टीमों ने एक साथ इकबाल के घर, उनके पुत्र वाजिद अली और मोहम्मद जावेद, मुंशी नसीम तथा कारोबारी साथी सौरव मुकुंद के घर छापामारी की है। उल्लेखनीय है कि वाजिद, जावेद, सौरभ मुकुंद और नसीम सीबीआई की एफआईआर में आरोपी भी है। इसके अलावा दिल्ली में उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट एसके गुप्ता के बाराखंभा रोड स्थित दफ्तर और ग्रेटर कैलाश स्थित आवास को भी खंगाला गया है। छापेमारी में सीबीआई को तमाम संदिग्ध दस्तावेज और 11 लाख रुपये कैश मिला है।इन कंपनियों ने खरीदी थी चीनी मिलें- वेव इंडस्ट्रीज लिमिटेड- इंडियन पोटाश लिमिटेड- गिरासो कंपनी प्राइवेट लिमिटेड
- एसआर बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड- नीलगिरी फूड्स प्राइवेट लिमिटेड- त्रिकाल फूड एंड एग्रो प्रोडक्टस प्राइवेट लिमिटेड- नम्रता मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेडटाइम लाइन- 02 जुलाई 2010 को बेची गयी थी चार चीनी मिलें- 17 सितंबर 2010 को बेची गयी थी छह चीनी मिलें- 04 जनवरी 2011 को बेची गयी थी 11 चीनी मिलें- 01 मई 2017 को न्याय विभाग ने घोटाले की सीबीआई जांच की सहमति दी- 09 नवंबर 2017 को लखनऊ के गोमतीनगर थाने में पहली एफआईआर दर्ज की गयी- 12 अप्रैल 2018 को राज्य सरकार ने सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश की- 04 अप्रैल 2019 को गृह विभाग ने सीबीआई को केस दर्ज करने की अनुमति दीगाजियाबाद, मेरठ और बुलंदशहर में भी छापेमारीइसके अलावा नोटबंदी के दौरान बैंकों में करोड़ों रुपये जमा करने के मामले में सीबीआई ने गाजियाबाद, मेरठ और बुलंदशहर में छापेमारी की। गाजियाबाद में पीएनबी की मेरठ रोड ब्रांच के तत्कालीन बैंक मैनेजर डीके गुप्ता के ठिकानों को सीबीआई ने खंगाला है। उन पर केवाईसी के नियमों को दरकिनार कर कान्हा सेल्स कारपोरेशन का खाता खोलने और करीब 58।50 लाख के पुराने नोट जमा कराने का मामला दर्ज है।बीआईसीएल केस में छापा
इसके अलावा ब्रिटिश इंडिया कारपोरेशन लिमिटेड केस में सीबीआई ने कानपुर, लखनऊ और चंडीगढ़ में छापेमारी की है। छापेमारी की कार्रवाई कंपनी के तत्कालीन सीएमडी केएस दुग्गल और कंपनी सेक्रेटरी केसी बाजपेई के ठिकानों पर की गयी है। आरोप है कि उन्होंने कंपनी की संपत्तियों को सस्ते दामों पर बेचने के लिए टेंडर में बदलाव किया था।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari