ट्रेनों में तत्काल टिकट नहीं मिलने के रहस्य से पर्दा उठ गया है। सॉफ्टवेयर के सहारे तत्काल टिकटों की एक साथ बुकिंग के कारण मिनटों में टिकट खत्म हो जाया करते थे। हैरानी की बात यह है कि यह सॉफ्टवेयर सीबीआइ के असिस्टेंट प्रोग्र्रामर अजय गर्ग ने बनाया था। वैसे जांच एजेंसी ने अपने इस प्रोग्रामर को गिरफ्तार कर लिया है।


जौनपुर का एक बंदा पहुंचाता था बुकिंग एजेंटों तक सॉफ्टवेयरसीबीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अजय गर्ग के बनाए सॉफ्टवेयर को बुकिंग एजेंटों तक जौनपुर के अनिल कुमार गुप्ता नाम का आदमी पहुंचाता था। एजेंटों को अजय गर्ग के बारे में कोई जानकारी नहीं होती थी। एक बार सॉफ्टवेयर मिलने के बाद बुकिंग एजेंट एक साथ सैकड़ों तत्काल टिकट बुक कर सकता था और इसके लिए आम लोगों से अधिक कीमत वसूलता था। तत्काल टिकट से होने वाली अतिरिक्त कमाई का एक हिस्सा अनिल कुमार गुप्ता के पास जाता था। वह बाद में अजय गर्ग तक उसका हिस्सा पहुंचा देता था। अब भीम एप के जरिए बुक करा सकेंगे रेल रिजर्वेशन टिकट, 3 हजार रेलवे काउंटर्स पर शुरू हुई सुविधाजौनपुर में 14 जगहों पर सीबीआई ने मारा छापा
गिरफ्तारी के साथ ही सीबीआइ ने सुबूत जुटाने के लिए दिल्ली, मुंबई और जौनपुर में 14 स्थानों पर छापा मारा। छापे में 89 लाख रुपये नकद, 61 लाख रुपये के गहने, 15 हार्ड डिस्क, 52 मोबाइल फोन, 24 सिम कार्ड 10 नोटबुक, 19 पेन ड्राइव और अन्य दस्तावेज बरामद किए गए हैं।


यह ऐप बताएगी कि आपका वेटिंग टिकट कन्फर्म होगा या बिल्कुल नहीं, तो अब मिलेगी मन की शांति!

Posted By: Satyendra Kumar Singh