- कैंट में फाइबर केबल का मामला गर्माया

- डिफेंस सेकेट्री कर सकते हैं जवाब-तलब

- सीईओ ने लेटर देकर सीईई से मांगी जानकारी

कैंट में फाइबर केबल का मामला गर्माया

- डिफेंस सेकेट्री कर सकते हैं जवाब-तलब

- सीईओ ने लेटर देकर सीईई से मांगी जानकारी

Meerut

Meerut : कैंट में मोबाइल कंपनियों के फाइबर केबल डालने का मामला गरमा गया है। उसमें आग में घी डालने का काम कैंट बोर्ड के अधिकारियों द्वारा पीडी से सीबीआई इंक्वायरी कराने की मांग ने कर दिया है। सीबीआई इंक्वायरी की बात से मोबाइल कंपनियों में हड़कंप मच गया है। ऐसे में सवाल ये है कि अगर सीबीआई जांच की मांग होती है तो ये जांच कैसे होगी? क्या किसी भी सरकारी जांच एजेंसी के पास ऐसी तकनीक है जिससे अंडरग्राउंड फाइबर केबल का पता लगा सके? क्या कैंट की सड़कों को खोदकर पता किया जाएगा? वरना जांच एजेंसी को फ्ख् किलोमीटर की सड़क खोदनी पड़ सकती है।

हो सकती है पूछताछ

कैंट बोर्ड के विश्वस्त सूत्रों की मानें तो फाइबर केबल के मामले में डिफेंस सेकेट्री द्वारा भी पूछताछ हो सकती है। क्योंकि इस मामले को डीजी कार्यालय भी काफी गंभीरता से ले रहा है। सूत्रों की माने तो डिफेंस सेकेट्री द्वारा कैंट बोर्ड से इस मामले का स्टेटस और कार्रवाई के बारे में जवाब-तलबी हो सकती है। वैसे कैंट बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि जब इस बारे में पूछा जाएगा तो हमारे पास उसका जवाब है।

मच गया हड़कंप

सीबीआई इंक्वायरी की संस्तुति के बारे में जब से बात बाहर निकलकर आई है तब से मोबाइल कंपनियों में खलबली मच गई है। मंगलवार को मोबाइल कंपनियों के अधिकारी कैंट बोर्ड में सीईओ ऑफिस के कमरे में देखे गए। अगर सीबीआई इंक्वायरी होती है उसमें किसी कंपनी की फाइबर केबल पाई जाती है तो कैंट बोर्ड के संलिप्त अधिकारियों के अलावा कंपनी के अधिकारी भी नप सकते हैं। वैसे देश की नामी मोबाइल सेवा कंपनी के अधिकारी की माने तो उन्होंने जो भी काम किया है उससे कैंट बोर्ड से परमीशन ली है।

सबसे बड़ा सवाल

अब सबसे बड़ा सवाल जांच को लेकर है। अधिकारियों की माने तो मौजूदा समय में और उससे पहले फाइबर केबल नहीं डाले गए हैं। अगर पहले भी डाले गए हैं तो उसकी जांच होनी चाहिए, लेकिन जांच कैसे होगी? क्या जांच एजेंसी के पास ऐसी कोई तकनीकी है जिससे अंडरग्राउंड फाइबर केबल की जानकारी देगी? अगर ऐसा नहीं है तो जांच एजेंसी को कैंट बोर्ड एरिया फ्ख् किलोमीटर की सड़क खोदनी पड़ेगी। उसके बाद ही फाइबर केबल डालने की बात साबित हो सकती है।

अगर फाइबर केबल के मामले में डिफेंस सेकेट्री की ओर से पूछा जाता है तो हमारे पास उसका जवाब है। हमने सीबीआई इंक्वायरी के बारे में पीडी को लिखा है।

- डॉ। डीएन यादव, सीईओ, कैंट बोर्ड

सीबीआई इंक्वायरी से कैंट बोर्ड मुद्दे को भटकाने की कोशिश करने में लगे हुए हैं। इसमें किसी सीबीआई इंक्वायरी की नहीं बल्कि सीईओ अपने लेवल पर इंक्वायरी कर इसे बंद करा सकते हैं।

- जगमोहन शाकाल, वार्ड मेंबर, कैंट बोर्ड

Posted By: Inextlive