सेंट्रल बोर्ड ऑफ इन-डायरेक्ट टैक्स एंड कस्टमस के 22 अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हुई। अधिकारियों पर कथित तौर पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। ऐसे में इन सबको रिटायर कर दिया गया है।


नई दिल्ली (आईएएनएस)। कथित भ्रष्टाचार के आरोपों पर कार्रवाई करते हुए, सरकार ने सोमवार को नियम 56 (जे) के तहत 22 और वरिष्ठ कर अधिकारियों को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त कर दिया। इसके पूर्व 27 उच्च अधिकारियों पर उत्पीड़न, रिश्वत, जबरन वसूली और भ्रष्टाचार के आरोपों पर कार्रवाई की गई थी। नरेंद्र मोदी द्वारा कर प्रशासन को साफ करने के वादे के अनुरूप
CBIC द्वारा हटाए गए अधिकारियों में के.के. उइके, एस.आर. परते, कैलाश वर्मा, के.सी. मंडल, एमएस डामोर, आर.एस. गोगिया, किशोर पटेल शामिल हैं। यह अधिकारी विभिन्न केंद्रीय जीएसटी जोन में कार्यरत व अधीक्षक के स्तर पर थे। वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि भ्रष्ट कर अधिकारियों को बर्खास्त करने का निर्णय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कर प्रशासन को साफ करने के वादे के अनुरूप है ताकि ईमानदार करदाताओं को परेशान न किया जाए। जिन अधिकारियों को हटाया गया है वे विभिन्न जोन में जीएसटी व उत्पाद शुल्क से जुड़ा कामकाज देख रहे थे। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह से SPG सिक्योरिटी वापस ली गई22 वरिष्ठ अधिकारियों को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त कर दिया


केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने कहा है कि दागी अधिकारियों को जनहित में सेवा से निष्कासित किया गया है। यह ध्यान देने योग्य है कि 27 उच्च रैंकिंग IRS अधिकारी जिनमें केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के 12 अधिकारी शामिल हैं को जून में फंडामेंटल रूल 56 (जे) के तहत अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त कर दिया गया था। एक अधिकारी के मुताबिक 'सीबीआईसी ने भ्रष्टाचार और अन्य आरोपों के कारण, जनहित में नियम 56 (जे) के तहत अधीक्षक / एओ रैंक के अन्य 22 वरिष्ठ अधिकारियों को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त कर दिया है।

Posted By: Shweta Mishra