इंटीग्रेटेड कोर्स के नाम पर चल रही दुकानें बंद होंगी

एफिलिऐशन बायलॉज 2018 के तहत हो सकती है कार्रवाई

Meerut। सीबीएसई स्कूलों अब अगर अपने यहां कोचिंग क्लास चलवाई तो खैर नहीं। सीबीएसई नें इस पर कड़ा संज्ञान लिया है। बोर्ड अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर स्कूल में कमर्शियल एक्टिविटीज के तहत कोचिंग चलवाते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बोर्ड के एफिलिऐशन बायलॉज 2018 के तहत स्कूल की मान्यता रद की जा सकती है। वहीं बोर्ड ने शिकायतों के बाद इस मसले पर स्कूलों पर नजर रखनी भी शुरु कर दी है।

चलती है मिलीभगत

स्कूल मैनेजमेंट और कोचिंग सेंटर्स की मिलीभगत से स्कूल में क्लासेज के साथ ही इंटीग्रेटेड क्लासेज का संचालन किया जाता है। कुछ स्कूलों में इसे रिसोर्स सेंटर्स भी कहा जाता है। सूत्रों के अनुसार शहर के कई स्कूलों में इस तरह के कोचिंग गुपचुप तरीके से चलाए जाते हैं। इसके तहत स्कूल टाइम में कोचिंग सेंटर्स अपने टीचर्स भेजकर अलग से बच्चों को कॉम्पीटिशन की तैयारी करवाते हैं। इसमें कई बड़े और नामी कोचिंग सेंटर्स शामिल होते हैं। इसके तहत बच्चों को आईआईटी, नीट जैसे एग्जाम्स की तैयारी स्कूल टाइम में ही होती है। बोर्ड का सिलेबस भी इसके साथ ही पूरा करवाया जाता है।

डिस्काउंट का लालच

स्कूल में कोचिंग सेंटर चलाने के लिए कोचिंग संचालक स्टूडेंट्स को डिस्काउंट का लालच देते हैं। जबकि स्कूल मैनेजमेंट को भी इसमें शेयर दिया जाता है। सूत्रों के मुताबिक कोचिंग संचालक स्टूडेंट्स को स्कूल में ही पढ़ने के लिए 50 प्रतिशत तक का डिस्काउंट दे देते हैं। इसमें उनके समय की बचत से लेकर स्कॉलरशिप का भी प्रलोभन दे दिया जाता है। वहीं कोचिंग संचालकों को स्टूडेंटृस के साथ ही स्कूल का इंफ्रास्ट्रक्चर भी मिल जाता है।

टीचर्स नहीं पढ़ाएंगे ट्यूशन

स्कूली टीचर्स के प्राइवेट कोचिंग और ट्यूशन में खुद को शामिल नहीं कर सकेंगे। बोर्ड ने सभी स्कूलों को इस संबंध में भी निर्देश जारी कर दिए हैं। इसके तहत बोर्ड ने राइट टू एजुकेशन एक्ट 2009 के नियमों का हवाला भी दिया है। बोर्ड अधिकारियों के मुताबिक अगर टीचर्स इस तरह की एक्टिविटीज में शमिल होते हैं तो बोर्ड की ओर से उन पर सीधी कार्रवाई की जाएगी।

शिकायत के बाद संज्ञान

स्कूलों में चल रहे गुपचुप कोचिंग सेंटर्स की तमाम शिकायतें मिलने के बाद बोर्ड ने कड़े निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत बोर्ड का कहना है कि इस तरह की क्लासेज परिसर में चलवाकर स्कूल स्टूडेंटृस और टीचर्स को गुमराह करते हैं। स्कूलों में केवल सीबीएसई की ओर से निर्धारित कोर्स को ही पढ़ाया जा सकता है।

बोर्ड ने स्कूलों में कोचिंग सेंटर्स न चलाने के निर्देश जारी किए हैं। कुछ स्कूलों में क्लासेज के दौरान ही कोचिंग क्लासेज करवाई जाती हैं, जिसमें 11वीं और 12वीं के स्टूडेंट्स कॉम्पीटिशन की तैयारी करते हैं। ये बोर्ड के नियमों के विरुद्ध है।

डॉ। वाग्मिता त्यागी, वाइस प्रिंसिपल, गार्गी ग‌र्ल्स स्कूल

Posted By: Inextlive