-सीबीएसई बोर्ड ने ऐसे स्टूडेंट्स को कैल्कुलेटर इस्तेमाल की दी परमिशन

-2 फरवरी से पहले देनी होगी प्रिंसिपल के पास अप्लीकेशन

-बोर्ड से आरओ मिलने के बाद कैल्कुलेटर का कर सकेंगे इस्तेमाल

GORAKHPUR: अगर आप सीबीएसई के स्टूडेंट हैं और डिसकैल्कुलिया का शिकार हैं यानि आपको मैथ्स के पहाड़े परेशान करते हैं? या फिर जोड़ घटाने में प्रॉब्लम है तो आपको बिल्कुल परेशान होने की जरूरत नहीं है। सीबीएसई ने ऐसे सभी स्टूडेंट्स को राहत देते हुए हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के एग्जाम में उन्हें कैल्कुलेटर इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी है। इसके लिए शर्त यह है कि स्टूडेंट्स पहले से ही सीडब्ल्यूएसएन कैटेगरी में रजिस्टर्ड हों। इसके अलावा दूसरे किसी स्टूडेंट्स को इसकी इजाजत नहीं होगी।

प्रिंसिपल को देनी होगी अप्लीकेशन

स्टूडेंट्स अगर इस कैल्कुलेटर को इस्तेमाल करने की फैसिलिटी को अवेल करना चाहता है, तो उसे स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर अपनाने होंगे। सबसे पहले उन्हें स्कूल में प्रिंसिपल को रिक्वेस्ट लेटर देना होगा। स्कूल के प्रिंसिपल इसे टीचर्स और दूसरे मीडियम से वेरिफाई कर अपनी रिकमेंडेशन के साथ कंसर्न रीजनल ऑफिस भेजना होगा। वहां से उन्हें स्टूडेंट्स के लिए कैल्कुलेटर इस्तेमाल करने के लिए अप्रूवल मिलेगा। यह सुविधा कैंडिडेट्स को इसी सेशन से मिलेगी और इसके लिए सीबीएसई ने बाकायदा डेट भी तय कर दी है।

यह है शेड्यूल -

एक्टिविटी - शेड्यूल

रिक्वेस्ट फॉर कैल्कुलेटर - 28 जनवरी

वेरिफिकेशन एंड रिकमेंडेशन - 2 फरवरी

अप्रूवल - बाई 10 फरवरी

क्या है डिसकैल्कुलिया?

डिसकैल्कुलिया एक मेंटल डिसऑर्डर है, जिससे अफेक्ट स्टूडेंट को जोड़ने-घटने में प्रॉब्लम होती है। गोरखपुर यूनिवर्सिटी के साइकोलॉजिस्ट डॉ। धनंजय कुमार की मानें तो डिसकैल्कुलिया वर्ड डिसलैक्सिया से रिलेट कर लिया गया है। इसमें अफेक्टेड स्टूडेंट को कैल्कुलेटिव डिसएबिल्टी हो जाती है। उन्होंने बताया कि ऐसे स्टूडेंट्स को आईक्यू लेवल काफी अच्छा होता है और वह किसी स्टूडेंट से कम नहीं होते हैं, लेकिन थोड़ा मेंटल डिटारटेशन की वजह से उन्हें कैल्कुलेशन में प्रॉब्लम हाेती है।

बॉक्स -

पुलवामा शहीद के परिवार काे भी राहत

पुलवामा अटैक के बाद सीबीएसई ने इसमें शहीद हुए आ‌र्म्ड फोर्स और पैरामिलेट्री फोर्स के शहीदों के परिवार वालों को रिलैक्सेशन देने का फैसला किया है। सीबीएसई की ओर से जारी सर्कुलर में साफ किया गया है कि हाल के दिनों में ड्यूटी के दौरान देश के लिए शहीद हुए जवान के परिवार का कोई व्यक्ति अगर हाईस्कूल या इंटरमीडिएट का एग्जाम किसी दूसरे शहर में रहकर दे रहा है, तो उसकी रिक्वेस्ट पर उसका सेंटर उसकी सिटी में बनाया जा सकता है। इसके साथ ही अगर वह किसी और शहर में परीक्षा देना चाहता है, तो यह सुविधा भी उसे दी जाएगी। इतना ही नहीं अगर किन्हीं कारणों से उनका प्रैक्टिकल एग्जाम छूट गया है, तो भी वह दो अप्रैल तक अपनी सुविधा के मुताबिक प्रैक्टिकल एग्जाम भी दे सकते हैं।

वर्जन

सीबीएसई ने डिसकैल्कुलिय का शिकार बच्चों के लिए स्पेशल फैसिलिटी दी है। अगर वह सीडब्ल्यूएसएन कैटेगरी में रजिस्टर्ड हैं और बोर्ड एग्जाम में कैल्कुलेटर का इस्तेमाल करना चाहते हैं। तो वेरिफिकेशन के बाद उन्हें इसके लिए परमिट किया जा सकता है।

- अजीत दीक्षित, को-ऑर्डिनेटर, सीबीएसई

Posted By: Inextlive