RANCHI : पिछले चार साल में राज्य में कृषि क्षेत्र में कार्यरत एनजीओ को कृषि विज्ञान केन्द्रों के कार्यकलापों के लिए 20.59 करोड़ की धनराशि मिली है। देश भर के एनजीओ को इस दौरान 366.02 करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं। केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री एसएस अहलुवालिया ने राज्य सभा सांसद परिमल नथवाणी के सवाल के एक जवाब में यह जानकारी दी है।

अप्रत्यक्ष तरीके से सहायता

अहलुवालिया के अनुसार भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने झारखंड में पांच कृषि विज्ञान केंद्रों को मंजूरी दी है। देश भर में 101 कृषि विज्ञान केन्द्रों को मंजूरी दी गई है। यह किसान विज्ञान केन्द्र गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्यरत हैं। सामान्यत: एनजीओ और कृषि क्षेत्र से जुड़े स्वयं सहायता समूहों को भारत सरकार द्वारा प्रत्यक्ष रूप से सहायता प्रदान नहीं की जाती है। राज्य कुछ योजनाओं और कार्यक्रमों के तहत ऐसी सहायता उपलब्ध कराने के लिए स्वतंत्र हैं। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने राज्य में पांच कृषि विज्ञान केंद्र मंजूर किये हैं। ये केन्द्र देवघर, गोड्डा, गुमला, हजारीबाग और रांची में कार्यरत हैं।

कार्यो की नियमित समीक्षा

श्री नथवाणी देश में कृषि क्षेत्र से संबंधित गैर-सरकारी संगठनों और स्वयं सहायता समूहों को दी गई वित्तीय सहायता और उनके द्वारा की गई प्रवृत्तियों के बारे में जानना चाहते थे। मंत्री अहलुवालिया के अनुसार एनजीओ द्वारा संचालित ये केंद्र समेत देश के सभी केन्द्रों के कायरें की समीक्षा नियमित आधार पर वैज्ञानिक सलाहकार समितियों की समीक्षा, कार्यशालाओं के आयोजन और खेतों के दौरों के द्वारा की जाती है। इतना ही नहीं अनुसंधान परियोजनाओं के कार्यकलापों की समीक्षा पंचवर्षीय समीक्षा टीमों द्वारा और परियोजना केंद्रों की समीक्षा कार्यशालाओं के आयोजन के द्वारा भी की जाती है।

एक साल में 5.87 लाख किसानों को ट्रेनिंगस (बॉक्स)

पिछले एक साल के दौरान, एनजीओ के तहत केवीके ने 22842 ऑन फॉर्म परीक्षणों और फ्रंटलाइन प्रदर्शनों का संचालन किया। 5.87 लाख किसानों और विस्तार कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया। इसके अतिरिक्त इन केवीके ने 902.67 टन बीजों, 59.15 लाख टन रोपण सामग्रियों एवं किसानों को इसकी उपलब्धता के लिए 48.04 लाख पशुधन नस्लों और फिंगरलिंग्स का उत्पादन किया।

Posted By: Inextlive