स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के लिए केन्द्रीय टीम करेगी पड़ताल

शहर में अभी तक दुरुस्त नहीं हो पाई है सीवेज की व्यवस्था

आगरा। स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में ताजनगरी के अंकों की गणना यहां के सीवेज सिस्टम भी करेंगे। जनवरी के प्रथम सप्ताह में केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय की टीम शहर में सीवेज सिस्टम की नब्ज भी टटोलेगी। अभी शहर में सीवेज के नेटवर्क को दुरुस्त करने के लिए सीवेज लाइन बिछाए जाने काम जारी है। नेटवर्क न होने से कहीं सीवेज चौक पड़ा है, तो कहीं सड़कों पर बह रहा है। ऐसे में आशंका है कि शहर को स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के टॉप फाइव में आने के लिए सीवेज मैनेजमेंट बड़ी बाधा बन सकता है। इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में इस बार नए पैरामीटर को शामिल किया गया है।

प्राइवेट कंपनी देख रही सीवेज का काम

शहर के सीवेज मैनेजमेंट की कमान अब एक निजी कंपनी बवाग को सौंपी गई है। शहर के आठ जोन में 582 किमी। का जाल बिछा हुआ है। नई सीवेज लाइन भी कई स्थानों पर बिछाई जा रही है। नगर निगम में अभी तक 100 वार्ड थे, अब सीमा विस्तार के बाद इनकी संख्या 105 हो जाएगी। हालांकि मौजूदा सीवेज लाइन आबादी के हिसाब से अपर्याप्त है। वबाग कंपनी को सीवेज की कमान सौंपते हुए मेयर नवीन जैन ने 910 किमी। की सीवेज लाइन को कंपनी द्वारा संभाले जाने की जानकारी दी थी। बता दें कि मौजूदा समय में शहर में 286 एमएलडी वेस्ट वाटर उत्पन्न हो रहा है। उसे भी एसटीपी ठीक से शोधन नहीं कर पा रहे हैं। इनकी क्षमता 220.75 एमएलडी शोधन क्षमता है। ये मौजूदा समय में 143.50 एमएलडी वेस्ट वाटर का शोधन कर पा रहे हैं। इससे यमुना में तो गंदगी बढ़ ही रही है साथ ही शहर की सड़कें भी सीवर के गंदे पानी से अछूती नहीं है। शहर में 7 एसटीपी प्लांट व 28 पंपिंग स्टेशन हैं।

शहर में ये काम करेगी कंपनी

शहर में प्राइवेट कंपनी बवाग सीवर सफाई, सीवर ट्रीटमेंट प्लांटों के संचालन व नई सीवर लाइन डालने की व्यस्था, एसटीपी व इससे संबंधित मेन पंपिंग स्टेशन, इंटरमीडिएट पंपिंग स्टेशन, सीवरेज पंपिंग स्टेशन, नाला-टैपिंग इंफ्रास्ट्रक्चर तथा सीवरेज नेटवर्क के संचालन की पूरी जिम्मेदारी भी संभालेगी।

एक वर्ष में रखरखाव पर खर्च होंगे 42 करोड़ 80 लाख

शहर के सीवेज मैनेजमेंट के रखरखाव पर बवाग कंपनी द्वारा 42 करोड़ 80 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। इसका भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। नगर निगम का कंपनी के साथ जो करार हुआ है। वो 10 वर्ष के लिए किया गया है।

394.78 करोड़ की अमृत योजना से बिछेगी 251 किमी। लंबी सीवर लाइन

शहर की सीवर व्यवस्था का दुरुस्त करने के लिए अमृत योजना के तहत 394.78 करोड़ की लागत से 251 किमी। लंबी लाइन बिछाई जाएगी। इसमें 47827 सीवर के ग्रह संयोजन का काम भी होगा। इस योजना में 33.33 प्रतिशत केन्द्र सरकार, 26.67 प्रतिशत राज्य सरकार और 30 प्रतिशत स्थानीय स्तर पर खर्च करना है। इसमें एक पंपिंग स्टेशन 3.80 किमी। राइजिंग मेन भी बिछाई जाएगी।

कैंट एरिया में नहीं बिछी सीवर लाइन

कैंट एरिया में सीवर लाइन अभी तक नहीं बिछी है। क्षेत्र के लोग सीवर टैंक बनवाकर अपना काम चला रहे हैं। इसके चलते टैंक भरने पर सीवर का पानी रास्तों और सड़कों पर फैलता रहता है। एरिया में गंदगी फैली रहती है। बता दें कि पहले कैंट एरिया में 35 करोड़ की लागत से 40-50 किमी। की लाइन बिछाने के लिए एमईएस ने डीपीआर तैयार की थी। इस दौरान 15 एमएलडी के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट तैयार करने की बात भी कहीं गई थी। अभी काम शुरू नहीं हो सका है।

आठ जोन में बंटा है शहर का सीवेज प्रबंधन

नॉर्थन जोन, वेस्ट जोन, साउथ जोन थर्ड, साउथ जोन सेकेन्ड, ईस्ट जोन, ताजगंज जोन, सेंट्रल जोन

ये है शहर में सीवेज प्रबंधन की स्थिति

शहर में कुल 441 नाले हैं। इसमें बड़े 90 नाले हैं, जिसमें 29 नाले पहले से ही टेप्ड हैं। 27 नालों पर जालियां लगी हुई हैं। अब एक करोड़ की लागत से 63 नालों पर जालियां लगाने का काम किया जा रहा है। एसटीपी पूरा शोधन नहीं कर पाती हैं इसके चलते यमुना में गंदगी जा रही है। इस श्राव के ट्रीटमेंट के लिए 1476.99 करोड़ का प्रस्ताव तैयार किया गया है। ये काम केन्द्र सरकार द्वारा पोषित नमामि गंगे कार्यक्रम के अन्तर्गत राज्य स्वच्छ गंगा मिशन नई दिल्ली की एक्जीक्यूटिव कमेटी ने सहमति व्यक्त की थी। इस पर ये काम शुरु किया गया, लेकिन ये काम अधर में लट गया है। अब इसमें कोई काम नहीं हो पा रहा है।

ये काम भी नहीं हो सके शुरू

पुराने पंपिंग स्टेशनों का जीर्णेद्धार

पुराने एसटीपी का उच्चीकरण

17.61 किमी। की राइजिंग मेन

एसटीपी का डी। सेन्ट्रलाइज्ड एसटीपी का निर्माण

नए नल टेपिंग करना

पुराने नल टेपिंग करना

सीवर लाइन 4.69 किमी।

Posted By: Inextlive