अब तक अर्द्धसैनिक बलों में महिलाआ अधिकारियों को लड़ाकु भूमिका में शामिल करने के आदेश के बावजूद तिब्‍तियन बोॅर्डर फोर्स में महिला अधिकारियों को ये अधिकार नहीं मिला था। परंतु अब केंद्र सरकार के नये आदेश के बाद ITBP में भी महिला अधिकारी लड़ाकू भूमिका निभा सकेंगी।


सभी अर्द्ध सैनिक बलों में महिलाओं को समान अधिकार सरकार ने अपने नवीनतम आदेश्ा में तिब्तियन बॉर्डर फोर्स की महिला अधिकारियों कों को युद्ध में शामिल होने का अधिकार देने की घोषण कर के सभी केंद्रीय अ‌र्द्धसैनिक बलों में लड़ाकू भूमिका में महिला अधिकारियों के शामिल होने का रास्ता साफ कर दिया है। पांच में से चार अ‌र्द्धसैनिक बलों में पहले से ही महिलाओं के लिए लड़ाकू भूमिका में अधिकारी के तौर पर नियुक्ति हो सकती थी, लेकिन अब गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आइटीबीपी में भी इसकी मंजूरी दे दी है। पिछले दिनों सरकार ने पहली बार अ‌र्द्धसैनिक बल एसएसबी के प्रमुख के पद पर महिला अधिकारी की नियुक्ति की थी।पिछले साल भेजा गया था प्रस्ताव
गृहमंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पिछले साल आइटीबीपी ने महिलाओं को अधिकारी के रूप में लड़ाकू भूमिका में नियुक्ति के लिए एक प्रस्ताव भेजा था। पिछले दिनों गृह मंत्रालय ने हाल ही में अधिसूचना जारी कर इसे अमली जामा पहना दिया। इसके बाद महिलाएं देश के पांचों अर्धसैनिक बलों में से किसी में भी लड़ाकू भूमिका के लिए आवेदन कर सकती हैं। आइटीबीपी के साथ-साथ सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआइएसएफ और एसएसबी केंद्रीय अ‌र्द्धसैनिक बल हैं। इसके पहले सरकार ने सभी केंद्रीय अ‌र्द्धसैनिक बलों में कांस्टेबल के स्तर महिलाओं के लिए 33 फीसदी सीटें आरक्षित कर दी थी। सभी सैन्य बलों में महिलाओं पर से हटी पाबंदीसीआरपीएफ और सीआइएसएफ लंबे समय से यूपीएससी के माध्यम से महिलाओं को अधिकारी के तौर पर सीधे नियुक्ति के लिए आवेदन की अनुमति देते रहे हैं। 2013 में बीएसएफ और 2014 में एसएसबी ने महिला अधिकारियों की सीधी भर्ती की अनुमति दी गयी थी। आइटीबीपी को इस तरह की अनुमति देने के साथ महिलाओं से इनमें से किसी भी बल में लड़ाकू भूमिका के लिए शामिल होने की सभी पाबंदियां हटा ली गयी हैं।

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Posted By: Molly Seth