मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी की तरह अब बिजली कंपनी भी करा सकेंगे पोर्ट, सरकार बनाएगी कानून
लाइन और सप्लाई का कारोबार होगा अलगऊर्जा मंत्री आरके सिंह यहां एक इंटरव्यू में बताया कि हम विद्युत अधिनियम में कई बदलाव करने जा रहे हैं। इससे उपभोक्ता तक पहुंचने वाली बिजली की लाइन और सप्लाई का कारोबार अलग-अलग हो जाएगा। अगले एक हफ्ते में विधेयक का मसौदा उन्हें मिल जाएगा। हम इसे संसद के आगामी बजट सत्र में पारित करवाने का प्रयास करेंगे। बिजली नेटवर्क और सप्लाई कारोबार अलग होने से उपभोक्ता को अपने क्षेत्र में उपलब्ध कई कंपनियों के बीच में उसी तरह चुनने का अधिकार मिल जाएगा जिस तरह वे एमएनपी के तहत टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर कंपनी का चयन करते हैं।
मंत्री के अनुसार इससे औद्योगिक बिजली दरें मुनासिब स्तर पर रहेंगी। इस समय दरें काफी ज्यादा होने से उनकी लागत काफी बढ़ जाती है। किसानों को बिजली इस्तेमाल में कुशलता सुधार के लिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के जरिये सब्सिडी देने की व्यवस्था होगी। बिजली वितरण कंपनियों को मार्च 2019 तक उपभोक्ताओं को अबाध बिजली आपूर्ति देने की जिम्मेदारी होगी।