फीफा द्वारा भारतीय फुटबाॅल महासंघ को निलंबित करने के बाद केंद्र ने एआईएफएफ मामले की तत्काल सुनवाई की मांग की। जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने 17 अगस्त को सुनवाई की तारीख दी है।

नई दिल्ली (पीटीआई)। फीफा द्वारा भारतीय फुटबाॅल महासंघ को सस्पेंड किए जाने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। केंद्र सरकार ने इस मामले में तत्काल सुनवाई के लिए कहा है। बता दें फीफा ने एआईएफएफ में थर्ड पार्टी के इंटरफेयर के चलते संघ को सस्पेंड कर दिया है। जिसके चलते भारत के पास से अंडर-17 महिला विश्व कप मेजबानी का अधिकार भी चला गया। भारत 11-30 अक्टूबर तक फीफा टूर्नामेंट की मेजबानी करने वाला था।

मामले को अदालत के सामने लाने की कोशिश
केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और एएस बोपन्ना की पीठ को बताया कि "फीफा ने भारत को निलंबित करते हुए एक पत्र भेजा है जो सार्वजनिक डोमेन में है और इसे रिकॉर्ड में लाने की जरूरत है। ' पीठ ने मेहता से कहा कि मामला बुधवार के लिए सूचीबद्ध है और वह इसे पहले मामले के रूप में लेने की कोशिश करेगी। मेहता ने कहा कि फीफा जिनेवा में है और उसने कुछ फैसले लिए हैं जो देश के लिए महत्वपूर्ण घटनाक्रम हैं और इसे अदालत के सामने लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, "मैं अनुरोध करता हूं कि अदालत में लंबित एआईएफएफ मामले पर तत्काल सुनवाई हो।"

85 साल में पहली बार सस्पेंड
भारत को मंगलवार को विश्व शासी निकाय फीफा ने "तीसरे पक्ष से अनुचित प्रभाव" के लिए निलंबित कर दिया और अक्टूबर में होने वाले अंडर -17 महिला विश्व कप की मेजबानी करने का अधिकार छीन लिया। यह पहली बार है जब अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) पर फीफा ने अपने 85 साल के इतिहास में प्रतिबंध लगाया है। दिसंबर 2020 में चुनाव नहीं कराने के कारण 18 मई को सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रफुल्ल पटेल को एआईएफएफ अध्यक्ष के पद से हटाने के बाद भारत पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari