विदेश राज्यमंत्री और पूर्व सेना प्रमुख वीके सिंह ने आतंकियों से बदला लेने में भारत की अक्षमता पर कई राज खोले. वीके सिहं ने बताया कि भारतीय सेना 26/1 जैसे आतंकी हमलों के बाद कड़ी सैन्य कार्रवाई करने में पीछे रह जाती है. इस काम में कुछ ऐसी अड़चनें हैं जो सामने आकर सेना को मजबूर बना देती है.

मुंहतोड़ जवाब हम भी दे सकते हैं
पुस्तक विमोचन के एक कार्यक्रम में पूर्व सेना प्रमुख ने लादेन को खत्म करने की अमेरिकी कार्रवाई का हवाला देते हुए कहा कि भारतीय सेना को कोई काम सौंपा जाए तो वह अमेरिकियों से भी ज्यादा अच्छे ढंग से अंजाम दे सकती है. लेकिन एक देश के रूप में हम अपनी सहिष्णुता की सीमा को बहुत ज्यादा लचीलापन दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत को कुछ करने से पहले अर्थव्यवस्था समेत कई चीजों का ध्यान रखना पड़ता है. हालांकि ये ऐसे कारक हैं जिन्हें 99 परसेंट लोग समझ नहीं पाते.
तो हो जाता भारत-पाक युद्ध
संसद पर हमले को लेकर वीके सिंह ने कुछ बड़े खुलासे किए. उन्होंने बताया कि संसद में आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संभवतः युद्ध हो जाता किंतु राजनीतिक नेतृत्व की तरफ से फैसले में देरी की वजह से ऐसा नहीं हो पाया. वीके सिंह ने आगे बताया कि, हमारी सेना युद्ध के लिए तैयार कर दी गई थी, लेकिन एन वक्त पर आलाकमान के फैसले आने लगे और हमें पीछे हटना पड़ा. हालांकि वीके सिंह ने यह भी कहा कि, उन्हें उस समय युद्ध छेड़ देना चाहिए था.
हम पाकिस्तान नहीं, भारत हैं
इस कार्यक्रम में वीके सिंह के अलावा दिल्ली पुलिस के पूर्व आयुक्त नीरज कुमार भी शामिल थे. उन्होंने सिंह की बात का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि CBI में उनके कार्यकाल के समय एक व्यक्ति को पाकिस्तान में पकड़ने की योजना बनी किंतु राजनीतिक आकाओं के कहने पर उसे रद करना पड़ा. इनका कहना था कि, हम पाकिस्तानी नहीं, भारत हैं. हालांकि नीरज कुमार ने भारत को सॉफ्ट स्टेट करार दिया. उन्होंने कहा कि, जहां बदला लेने की बात आती है, तो हम कुछ ज्यादा ही सॉफ्ट हो जाते हैं.

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari