नहीं रहे जागरण समूह के चेयरमैन योगेन्द्र मोहन, राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री ने जताया शोक
कानपुर (जेएनएन)। अपने श्रम, कौशल और नवाचार से दैनिक जागरण को नई ऊंचाइयां प्रदान करने वाले जागरण समूह के चेयरमैन योगेन्द्र मोहन हमारे बीच नहीं रहे। वह 85 वर्ष के थे और पिछले कुछ समय से कानपुर के अस्पताल में भर्ती थे। उन्होंने विजयदशमी के दिन अंतिम सांस ली। उनका निधन पत्रकारिता के साथ-साथ विज्ञापन और कला जगत के लिए भी एक अपूरणीय क्षति है। स्नेहिल स्वभाव के धनी योगेन्द्र मोहन अपने घर-परिवार और मित्रों-परिचितों के बीच सोहन बाबू के नाम से भी जाने-पहचाने जाते थे। वह दैनिक जागरण के कर्मचारियों से मैत्री भाव रखने और उन्हें संस्थान का कर्मयोगी समझने के लिए जाने जाते थे। हर किसी की मदद करने के लिए वह सदैव तत्पर रहते थे और इसी कारण सबके लिए सहज सुलभ और अत्यंत लोकप्रिय थे।
युवावस्था में ही दैनिक जागरण से जुड़ गए थे
21 जुलाई, 1936 को जन्मे योगेन्द्र मोहन युवावस्था में ही दैनिक जागरण से जुड़ गए थे। उन्होंने विज्ञापन का मोर्चा संभाला और इस दौरान कई नए, अनूठे, समय से आगे के और समाचार पत्र के आर्थिक आधार को सशक्त करने वाले प्रयोग किए। उनके इन प्रयोगों ने दैनिक जागरण समेत समस्त समाचार पत्रों को एक नया आयाम दिया। वह समाचार पत्र के एक कुशल प्रशासक के साथ-साथ समाजसेवी के रूप में भी जाने जाते थे।
लक्ष्मी देवी ललित कला अकादमी के साथ पूर्णचन्द्र गुप्त स्मारक ट्रस्ट के अध्यक्ष के रूप में वह अंत समय तक सक्रिय रहे। उनके नेतृत्व में जहां लक्ष्मी देवी ललित कला अकादमी ने कला जगत को समृद्ध किया, वहीं पूर्णचन्द्र गुप्त स्मारक ट्रस्ट ने शिक्षा जगत में नए प्रतिमान स्थापित किए। इस ट्रस्ट के तहत कई शिक्षा संस्थान उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में संचालित हैं, जहां हजारों छात्र अध्यनरत हैं।
महेन्द्र मोहन गुप्त ने दी श्रद्धांजलि
दैनिक जागरण के अध्यक्ष, प्रबंध निदेशक एवं संपादकीय निदेशक महेन्द्र मोहन गुप्त ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि योगेन्द्र मोहन जागरण परिवार के अभिभावक, संरक्षक और मार्गदर्शक की अपनी भूमिका का बखूबी निर्वाह करने के साथ साहित्य साधना में भी लीन थे। लेखन के अतिरिक्त वह गायन में भी गहन रुचि रखते थे और कविताएं भी लिखते थे। दैनिक जागरण के साहित्य आधारित साप्ताहिक फीचर पेज में वह विशेष रुचि रखते थे। वास्तव में यह पेज उनकी ही प्रेरणा से ऐसे समय शुरू हुआ, जब समाचार पत्रों में साहित्य के लिए स्थान कम होता जा रहा था। बाद में समाचार जगत में यह एक चलन बना। उन्होंने ऐसी ही अभिनव दृष्टि जागरण के विज्ञापन निदेशक के रूप में अपनाई और समाचार पत्र जगत को एक उद्योग के रूप में कहीं अधिक मजबूती से स्थापित करने का कार्य किया।
राष्ट्रपति ने निधन पर जताया दुख
राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने दुख जताते हुए कहा कि दैनिक जागरण समूह के चेयरमैन योगेन्द्र मोहन गुप्त जी का निधन अत्यंत दुखद है। हिंदी समाचार पत्रों के व्यापक प्रसार के साथ-साथ शैक्षिक प्रकल्पों में भी उनका विशिष्ट योगदान रहा। उनके परिवारजनों तथा प्रशंसकों के प्रति मेरी शोक संवेदनाएं।
प्रधानमंत्री ने भी जताया दुख
पीएम नरेंद्र मोदी ने भी शोक व्यक्त किया और कहा कि योगेन्द्र मोहन गुप्त जी का जाना कला, साहित्य और पत्रकारिता जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शोक की इस घड़ी में उनके परिजनों के प्रति मैं अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।
दैनिक जागरण समूह के चेयरमैन योगेन्द्र मोहन गुप्ता जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनका जाना कला, साहित्य और पत्रकारिता जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शोक की इस घड़ी में उनके परिजनों के प्रति मैं अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। ऊं शांति!
— Narendra Modi (@narendramodi)सीएम योगी बोले अपूरणीय क्षति
यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि योगेन्द्र मोहन गुप्त जी का निधन पत्रकारिता जगत की अपूरणीय क्षति है। प्रभु श्रीराम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने परम धाम में स्थान और शोकाकुल परिवारजनों व पाठकों को यह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। दैनिक जागरण समूह के चेयरमैन श्री योगेंद्र मोहन गुप्ता जी का निधन अत्यंत दुःखद है।
यह पत्रकारिता जगत की अपूरणीय क्षति है।
प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने परम धाम में स्थान तथा शोकाकुल परिजनों व पाठकों को यह दु:ख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
ॐ शांति! — Yogi Adityanath (@myogiadityanath)