Chaitra Navratri 2021 Day 5 Maa Skandmata Live Aarti-Bhog: नवरात्रि के पांचवें दिन देवी स्कंदमाता माता की पूजा-अर्चना की जाती है। आइए जानें इस दिन मां की विशेष कृपा पाने के लिए किस चीज का लगाए भोग और कैसे करें आरती...

डाॅ. त्रिलोकीनाथ (ज्योतिषाचार्य और वास्तुविद)। Chaitra Navratri 2021 Day 5 Maa Skandmata Live Aarti-Bhog: नवरात्रि के नाै दिन तक देवी के विभिन्न स्वरूपों की पूजा होती है। प्रत्येक देवी का गुणाकार महात्म होता है। भिन्न-भिन्न स्वरुपों की पूजा से प्रत्येक देवियां अपने गुणकारी स्वभाव के कारण अपना आशीर्वाद बनाए रखती है। वह अपने भक्तों के शरीर के भीतर के अंधकार को मिटाती है और आन्तरिक ज्योति को जगाती है। इसके साथ ही अपने विशेष गुणों को आशीर्वाद रुपी प्रसाद रुप में भक्तजन को देती रहती है। इस तरह से नवरात्रि के पांचवें दिन देवी स्कंदमाता माता की पूजा-अर्चना की जाती है। इस पंचम नवरात्रि में मां को केले का नैवेद्य चढ़ाने से शरीर स्वस्थ रहता है। इसके साथ ही मां अपने भक्त की हर मुराद को पूरा करती है।
स्कंद माताः-
सिंह्यसनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया।
शुभदास्तु सद देवी स्कंदमाता यशस्विनी।।
नवरात्रि के पाचवें दिन इस देवी की पूजा की जाती है। स्कन्द कुमार कार्तिकेय जी की माता के कारण इन्हें स्कन्द माता के रुप में जाना जाता है। इनके स्वरुप में भगवान स्कन्द बालरुप में इनकी गोद में विराजमान रहते है। इनका स्वरुप शुभ्र वर्ण का है यह माता कमल के आसन पर विराजमान रहती है। इसलिए इन्हें पद्मासना माता भी कहा जाता है। शेर इनका वाहन है। इस देवी की चार भुजाएं है। इनकी गोद में स्कन्द विराजमान है। नीचे वाली भुजा में कमल का पुष्प है बाईं तरफ ऊपर वाली भुजा में वरद मुद्रा में है। नीचे वाली भुजा में कमलपुष्प है। इनकी पूजा या उपासना से भक्तजन की सम्पूर्ण इच्छा पूर्ण हो जाती है और भक्तजन अपनी संपूर्ण मनोकामना की पूर्ति के लिए इनकी विशेष आराधना करता है।

स्कंदमाता की आरती

जय तेरी हो स्कंद माता

पांचवा नाम तुम्हारा आता

सब के मन की जानन हारी

जग जननी सब की महतारी

तेरी ज्योत जलाता रहू मै

हरदम तुम्हे ध्याता रहू मै

कई नामो से तुझे पुकारा

मुझे एक है तेरा सहारा

कही पहाड़ो पर है डेरा

कई शेहरो मै तेरा बसेरा

हर मंदिर मै तेरे नजारे

गुण गाये तेरे भगत प्यारे

भगति अपनी मुझे दिला दो

शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो

इन्दर आदी देवता मिल सारे

करे पुकार तुम्हारे द्वारे

दुष्ट दत्य जब चढ़ कर आये

तुम ही खंडा हाथ उठाये

दासो को सदा बचाने आई

'चमन' की आस पुजाने आई

Posted By: Shweta Mishra