Chaitra Navratri 2022 Day 3 Maa Chandraghanta Aarti-Bhog: चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन माता चंद्रघंटा की पूजा होती है। आइए जानें इस दिन देवी को प्रसन्‍न करने के लिए कौन सा भोग लगाएं और क्या आरती गाएं...


डाॅ. त्रिलोकीनाथ (ज्योतिषाचार्य और वास्तुविद)। Chaitra Navratri 2022 Day 3 Maa Chandraghanta Aarti-Bhog: इस साल चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ 2 अप्रैल को हो गया है। नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री व दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी और तीसरे दिन देवी चंद्रघंटा की आराधना की जाती है। चंद्रघंटा मां दुर्गा की तीसरी शक्ति मानी गई है। नवरात्रि के तीसरे दिन इस देवी की अराधना की जाती है। तृतीय नवरात्रि में मां चंद्रघंटा को दूध से बनी मिठाई का भोग लगाकर उसे ब्राम्हण को दान देना चाहिए। इससे दुख से मुक्ति व परम आनंद की प्राप्ति होती है।चन्द्रघंटाः-पिण्डजाप्रव रारुढ़ा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।प्रसादं तनुतं मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता।।
देवी के इस तीसरे स्वरूप के बारे में शास्त्रों में बताया गया है कि इनके सिर पर घंटे के आकार का आधा चन्द्रमा है । इसलिए इन्हें चंद्रघंटा के नाम से जाना जाता है। सोने के समान इनका शरीर चमकता है। देवी का यह रुप परमशांतिदायक है और कल्याणकारी है। इस देवी के दस हाथ बताये गये है। यह देवी खडग एवं अन्य अस्त्र- शस्त्रों से विभूषित है। सिंह इनकी सवारी है। इस देवी की मुद्रा युद्ध के लिए सक्रिय अवस्था में रहने वाले भाव जैसी होती है। यदि इस देवी की कृपा मिल जाये तो साधक अलौकिक वस्तुओं का दर्शन करने में सफल हो जाता है। इनके प्रभाव से दिव्य सुगंधित वातावरण का अनुभव होता है। ये लक्ष्य प्राप्त की भी देवी मानी गई है।माता चंद्रघंटा की आरतीपूर्ण कीजो मेरे कामचंद्र समान तू शीतल दातीचंद्र तेज किरणों में समातीक्रोध को शांत बनाने वालीमीठे बोल सिखाने वालीमन की मालक मन भाती होचंद्र घंटा तुम वरदाती होसुंदर भाव को लाने वालीहर संकट मे बचाने वालीहर बुधवार जो तुझे ध्यायेश्रद्धा सहित जो विनय सुनायहर संकट मे बचाने वालीहर बुधवार जो तुझे ध्यायेश्रद्धा सहित जो विनय सुनायमूर्ति चंद्र आकार बनाएंसन्मुख घी की ज्योत जलाएंशीश झुका कहे मन की बातापूर्ण आस करो जगदाताकांची पुर स्थान तुम्हाराकरनाटिका में मान तुम्हारानाम तेरा रटू महारानी'भक्त' की रक्षा करो भवानी

Posted By: Kanpur Desk