Chaitra Purnima 2020 : चैत्र मास की पूर्णिमा पर स्नान- दान व जप- तप का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान सत्यनारायण को प्रसन्न करने के लिए किस विधि से किस मुहूर्त में पूजा करें कि उत्तम फल की प्राप्ति हो। यहां जानें...

Chaitra Purnima 2020 : चैत्र मास की पूर्णिमा का बहुत महत्व है। इस दिन स्नान व दान करने से भगवान सत्यनारायण प्रसन्न होते हैं व श्रद्धालुओं को उत्तम फल की प्राप्ति का वरदान देते हैं। चैत्र मास हिंदू वर्ष की शुरुआत का पहला मास होता है। इस दिन भगवान सत्यनारायण की पूजा करके उन्हें प्रसन्न करने का विधान है। इस दिन उत्तर भारत में हनुमान जयंती भी मनाई जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार इसी दिन बजरंगबली का जन्म हुआ था।

इस मुहूर्त में करें पूर्णिमा की पूजा

दृग पांचांग के मुताबिक इस वर्ष पूर्णिमा तिथी 7 अप्रैल को 12:1 बजे से दोपहर में शुरु होकर अगले दिन सुबह 8:04 बजे तक रहेगी। इस वजह से चैत्र पूर्णिमा की पूजा 8 अप्रैल को प्रात: काल में की जाएगी। हनुमान जयंती भी इसी दिन है इसलिए मन्दिरों में प्रातः ब्रह्ममुहूर्त में आध्यात्मिक प्रवचनों का आयोजन किया जाता है और यह आयोजन सूर्योदय के साथ ही समाप्त हो जाते हैं। हालांकि इस बार कोरोना महामारी के चलते घाट पर पूर्णिमा के दिन लोग स्नान करते नहीं नजर आएंगे।

इस तरह करें पूजा होगी फलदायी

पूर्णिमा के दिन स्नान व दान, हवन, चप और तप और व्रत का बहुत महत्व है। इस दिन हनुमान जयंती होने की वजह से पूर्णिमा की पूजा करना अत्यंत फलदायी है। पूर्णिमा के दिन प्रात: काल सूर्योदय से पहले पवित्र नदि या कुंड में स्नान करना चाहिए। इसके तत्पश्चात सूर्य देव की पूजा करें व उनका मंत्र जाप करें। कहते हैं सूर्य देव के बाद सत्य नारायण की पूजा विधि विधान से करने पर उत्तम फल की प्राप्ति होती है। वहीं रात्रि में चंद्र देव का भी विधि से पूजन करने का विधान है। मान्यताओं के अनुसार व्रती को पूजन के पश्चात अन्न से भरा घड़ा जरुरतमंदों को दान करना चाहिए।

Posted By: Vandana Sharma